कोरिया : सरकार की एक योजना किसी परिवार व समाज को किस तरह आनंदमय बना देती है, इसका उदाहरण प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से देखने को मिल रही है। जिले के दोनों विकासखण्ड बैकुण्ठपुर एवं सोनहत में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का लाभ देने के लिए लगातार जिला प्रशासन प्रयासरत हैं।
विगत दिनों में जब भारत संकल्प विकास यात्रा के दौरान ऐसे पात्र हितग्राहियों का चयन किया गया, जो बरसों से जंगल से लकड़ियां बीनकर चूल्हे से भोजन बनाती थी।
काम में समय पर पहुंचते हैं
सोनहत विकासखण्ड के ग्राम घुघरा निवासी श्रीमती उषा ने बताया कि उन्हें प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हा मिलने से बहुत ही खुशी मिल रही है, उनके पति श्री उमेश साहू का कहना कि अब भोजन बनाने में पहले की अपेक्षा समय की बचत हुई है, जिससे वे समय पर काम में पहुंच जाते हैं।
परिवार को परेशानियों से मिली छुटकारा
पेशे से निजी स्कूल में कटघोड़ी में शिक्षिका के रूप में कार्यरत करीब 28 वर्षीय श्रीमती अनुपमा तिवारी का कहना है कि अब वे योजना के तहत मिले गैस चूल्हा से खाना तैयार कर रही हैं, इसके पहले वे वे इंडक्शन व हिटर से खाना बनाती, इससे बिजली की खपत अधिक होती थी। श्रीमती तिवारी के पति भी बैकुण्ठपुर के निजी स्कूल में शिक्षक हैं। श्रीमती तिवारी ने मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद देते कहा कि मुख्यमंत्री के इन योजना का लाभ मिलने से उनके परिवार को परेशानियों से छुटकारा मिला है।
जंगल से लकड़ियां और आंख से आंसू बहना बन्द
ग्राम घुघरा निवासी 30 वर्षीय श्रीमती प्रेमवती राजवाड़े के पति श्री उमेश राजवाड़े ने बताया कि पहले उन्हें जंगल से लकड़ियां लाकर खाना बनाने की व्यवस्था करना पड़ता था जबकि जब से प्रधानमंत्री उज्ज्वला गैस चूल्हा मिले हैं, तब से इसी में भोजन तैयार की जा रही है। बहुत आरामदाय महसूस हो रहा है। चूल्हा से जहां जल्दी खाना तैयार हो जा रहा है, वहीं अब प्रेमवती के आंखों से आंसू निकलना बंद हो गया है।
करीब 2500 गैस चूल्हे का वितरण
विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान उज्ज्वला गैस कनेक्शन हेतु करीब 2800 आवेदन प्राप्त हुए थे, जिसमें से करीब 2500 आवेदनों का निराकरण किया गया और गैस चूल्हा प्रदान की गई है। शेष हितग्राहियों को गैस कंपनी से अनुमोदन होते ही प्रदान की जाएगी।
सुखद बदलाव के साथ परेशानियों से मिली निजात
निश्चित ही प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के इन हितग्राहियों के जीवन में एक सुखद बदलाव आया है और इससे समय, संसाधन की बचत के साथ हितग्राहियों को परेशानियों से निजात भी मिली है।