कोरिया, 26 फरवरी 2024 को जिले के बैकुंठपुर आकांक्षी विकासखण्ड में शामिल है। इसी के तहत नवाचारों को बढ़ावा देने के लिए समय-समय पर अलग- अलग विषयों पर कार्यशाला आयोजन कर इसके जानकारी दी जाती है।
इसी कड़ी में विगत दिनों कलेक्टर श्री विनय कुमार लंगेह के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के तत्वावधान में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया।
बौद्धिक संपदा अधिकारों के प्रति जागरूकता विषय पर छत्तीसगढ़ विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद के वैज्ञानिक डॉ अमित दुबे द्वारा नवाचार को बढ़ावा देने के लिए, औद्योगिक संघों के सदस्य, स्वयं सहायता समूहों की महिलाओ, महाविद्यालयन छात्र-छात्राओं प्राचार्यो को ट्रेडमार्क, पेटेंट, कॉपीराइट, डिजाइन एवं अन्य विषयों की जानकारी दी गई। बता दें इस केंद्र द्वारा बौद्धिक संपदा विषय में जागरूकता एवं बौद्धिक संपदा संरक्षण का कार्य एमएसएमई तथा आम लोगों के लिए कई वर्षो से की जा रही है।
बैकुंठपुर के जनपद पंचायत के सीईओ श्री आर एस. मिर्झा ने बौद्धिक संपदा अधिकार को स्वरचित कला, स्व निर्मित उत्पादों पर अपना अधिकार के साथ अपनी पहचान दिलाने का एक उचित माध्यम बताया।
उत्पाद का रजिस्ट्रेशन से विश्वसनीयता बढ़ेगी
कार्यक्रम का संचालन आकांक्षी ब्लॉक फेलो डॉ इरशाद खान ने जानकारी दी कि 30 स्वसहायता समूह इनसे जुड़ी है। करीब सात स्व सहायता समूहों की महिलाएं घर पर ही दैनिक उपयोग हेतु आचार, पापड़ आदि तैयार कर रही हैं, उन्हें इस कार्यशाला से मदद मिलेगी । साथ ही उक्त केंद्र में किसी उत्पाद का रजिस्ट्रेशन करने से विश्वसनीयता भी बढ़ेगी।
क्या है आकांक्षी विकासखंड
आकांक्षी विकासखण्ड कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य राज्य सरकार द्वारा सामाजिक-आर्थिक विकास हेतु क्रियान्वित की जा रही विभिन्न योजनाओं के माध्यम से विकास लक्ष्यों को प्राप्त करना है। कार्यक्रम के सफल क्रियान्वयन हेतु संस्थागत व्यवस्था के रूप में विकासखंड स्तरीय एवं जिला स्तरीय समिति का गठन किया गया है।
छह क्षेत्रों में विभक्त-
आकांक्षी विकासखण्डों के अनुश्रवण हेतु संकेतकों का निर्धारण 6 क्षेत्रों में जैसे कृषि एवं सहयोगी सेवाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य एवं पोषण, अधोसंरचना कौशल विकास व सामाजिक एवं वित्तीय समावेशन किया गया है।