Home खुलासा दूकानदार जेल में पर स्वास्थ्य विभाग ने कर ली लाखों की खरीदी...

दूकानदार जेल में पर स्वास्थ्य विभाग ने कर ली लाखों की खरीदी ?………

डीपीएम एवं सीएमएचओ ने मिलकर एक नया कारमाना किया। जिसके अन्तर्गत उन्होनें फर्जी खरीदी की है

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कोरिया जिले में विभाग का एक नया करिश्मा सामने खुलकर आ रहा है। ऐसा कारमाना जिसको सुनने के बाद जानकारी लगने के बाद किस तरह जिले के लोगों के लिए सुविधाओं के बजट का बंटर बांट समझा जा रहा है जानकार सूत्रों के अनुसार जिले में कार्यरत् कार्य प्रभारी डीपीएम एवं सीएमएचओ ने मिलकर एक नया कारमाना किया। जिसके अन्तर्गत उन्होनें फर्जी खरीदी की है और फर्जी बिल लगाकर दवाई के नाम पर पैसा निकाल लिया गया है। मेडिकल स्टोर के संचालक जेल में है पर वही उनके जेल में रहने के दौरान स्वास्थ्य विभाग ने बड़ा कारनामा करते हुए डीपीएम के सय पर लाखों रूपये के दवाई निकाल ली है जिसका बिल उनके दस्तावेज में लगा हुआ है। दवाई खरीदी के साथ ही जिस मेडिकल स्टोर में खरीदी गई है उस मेडिकल के संचालक जो इस समय जेल में है। वह उसके रिश्तेदार मेडिकल स्टोर से खरीदी स्वास्थ्य विभाग से करायी गई है अब सवाल यह उठता है कि, जो मेडिकल स्टोर संचालक जेल में है तो मेडिकल स्टोर से दवा कैसे खरीदी गई। क्या यह फर्जीवाड़ा नहीं है तो क्या है ? इतने बड़े घोटाले की जांच का विषय है कि, शिकायतों का अम्बार है। वहीं जिला प्रशासन की बात की जाये तो जिला प्रशासन की मुख्या डीपीएम के सामने नतमस्तक है। जिस वजह से जांच करने में असमर्थ है। इस समय वह उससे व्यवहार निभा रहे है और व्यवहार इतना बड़ा हो चला है कि, परिवारिक संबंध भी जुड़ गये है। जेल में रहने वाले संचालक सहित उसके रिश्तेदारों के बिल जो लगे हुए है उस सभी बिलों को जोड़ा जाये तो 25 लाख की दवाईयों के बिल लगाकर दवाई की खरीदी की गई है और पैसा भी निकाल लिया गया है पर सोचने वाली बात है कि, मेडिकल संचालक जेल में है तो उसके अनुपस्थिति में दवाई का संचालन ही नहीं होना था ऐसे दवाई से संचालक की अनुपस्थिति में उसकी दवाई दूकान से स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाईयों का खरीदी किया जाना जायज है क्या यह सही है ? सूत्रों के जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल का खास रिश्तेदार बताकर लागों से लाभ उठा रहा है। इससे अनुमान लगाया जा सकता है कि, शासकीय ऑडिटोरियम का प्राईवेट नर्सिंग कॉलेज का वार्षिक उत्सव भी मनाया गया था वह भी गलत तरिके से किया गया है। वह जो भी करें जायज है फिर भी पूरा मामला फर्जीवाड़ा का है।

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