ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने का हवाला देकर जुलाई में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सीएचओ (सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी) की नियुक्ति की गई थी। अब तीन माह के भीतर उनमें से ज्यादातर को नियमों को ताक में रखकर सेटिंग कर मनचाही जगह पर भेज दिया गया है। स्टाफ की कमी से योजनाएं लगातार प्रभावित हो रही है, लेकिन विभाग के अफसर कलेक्टर को कह रहे हैं “आल इज वेल”।
स्टाफ की कमी के चलते मैनपुर और देवभोग ब्लॉक में ठप पड़े राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के योजनाओं के सफल क्रियान्वयन के लिए सीएमएचओ कार्यालय से आयुष्मान आरोग्य मंदिर के लिए 25 सीएचओ की भर्ती किया गया था। उन्हीं में मैनपुर से 10 और छुरा ब्लॉक से 8 को छुरा, गरियाबंद और फिंगेश्वर ब्लॉक में मनचाहा केंद्र पर पदस्थ कर दिया गया। अब पदों के खाली होने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा है इस सेक्टर के 8 केंद्रों में से 5 पर सीएचओ की भर्ती किया गया था। 3 माह बाद पांचों को मनचाही जगह मिल गई। व्यवस्था की आड़ में फैलाई गई अव्यवस्था से संबंधित क्षेत्र के जनप्रतिनिधि नाराज है जिला पंचायत सदस्य सकूंतला नायक, झखरपारा जनपद सदस्य असलम मेमन, दीवान मुड़ा सरपंच कंचन कश्यप, सिनापली के सुधीर अग्रवाल ने कहा कि, स्वास्थ्य विभाग क्षेत्र के साथ छल कर रही है. पिछली सरकार में पोस्टिंग तबादला के आड़ में भारी भर्राशाही हुई है। समय रहते यहा पदस्थ कर्मियों को वापस नहीं किया गया तो प्रशासन को इसका जवाब विधानसभा में देना पड़ेगा ।
स्वास्थ्य सेवाओं के लिए नहीं मनचाही पोस्टिंग के लिए CHO की भर्ती……….
पदों के खाली होने के कारण योजनाओं का क्रियान्वयन प्रभावित हो रहा