बैकुण्ठपुर जिला जेल के नाम पर अव्यवस्था हो रही है, जो गेट पर आरक्षकों एवं हवालदारों द्वारा अपराधियों से उनके परिवार, रिस्तेदार व इष्ट मित्रों से मिलाई जा रही है। जानकार सूत्र बताते है कि, बिना पैसे से मिलने का कोई प्रावधान नहीं बताते। सोचने वाली बात है कि, अपराधियों के इष्ट मित्रों द्वारा चर्चा का विषय बन गया है कि, अपराधियों के घर का खाना, बिसलेरी पानी एवं सब सुख जेल में उपयोग किया जा रहा है। अब जेल, जेल नहीं रह गया है। अब सुखों का आशियाना बन गया है। यहां तक लोगों में चर्चा का विषय बन गया है कि, कुछ लोगों द्वारा जेल के अंदर मोबाईल कैसे जाता है और मोबाईल से पूरा बिजनेस किया जा रहा है। मेन गेट से लेकर अंदर तक की जानकारी लिया जाये तो जो सी.सी. केमरा लगे हुए है, उसके द्वारा कोई निगरानी नहीं की जा रही है, सी.सी. केमरा एक देखावे के रूप में लगाया गया है। जब सब खेल जेल के अंदर हो रहा है फिर जेल प्रशासन क्या कर रहा है ? सोचने वाली बात है कि, जेल अधीक्षक कब तक अनदेखी करते रहेंगे। जबकि जेल का पूरा गोपनीय डाटा की जानकारी लोगों में जाहिर हो रहा है यह बड़ी चिंता का विषय है। किसके दबाव में या तो पहुंच या चांदी के जूता के बल पर लोगों के द्वारा जानकारी प्राप्त हो रही है कुछ लोगों का कहना है कि, इस संबंध में जेल अधीक्षक से जानकारी के लिए मिलना चाह रहे थे। परन्तु गेट में आरक्षक व हवलदार द्वारा बताया गया कि, जेलर साहब मिलने की अनुमति नहीं देते है। यह सभी जानकारी जेल अधीक्षक को नहीं बताया जायेगा। तो किसको बताया जायेगा। क्योंकि जेलर जेल का जिम्मेदार अफसर होता है। यह सभी चर्चा का विषय लोगों में चल रहा है। उसी विचार को समाचार के माध्यम से लोगों को अवगत कराया जा रहा है।
बैकुण्ठपुर जेल अव्यवस्था का शिकार……….
बैकुण्ठपुर जिला जेल के नाम पर अव्यवस्था हो रही है, जो गेट पर आरक्षकों एवं हवालदारों द्वारा अपराधियों से उनके परिवार, रिस्तेदार व इष्ट मित्रों से मिलाई जा रही है। जानकार सूत्र बताते है कि, बिना पैसे से मिलने का कोई प्रावधान नहीं बताते।