मनेन्द्रगढ़ के पूर्व डी.एफ.ओ. पद पर रहे उनके द्वारा जो कार्य रेंजरों से कराये गये थे, सूत्र बताये जाते है कि, उनके द्वारा फर्जी बिल बनवा-बनवाकर पैसा लिकाले और अपने कार्यकाल में हरे-भरे सरई बीजा का पेड़ कटवाये। अब एस.पी. रजक 100-100 चुहे खाकर चले हज को, यह कहातव । वह छत्तीसगढ़ में हर डिविजन से व रेंजरों से सूचना के अधिकार का उपयोग कर रहे है। शर्म आनी चाहिए कि, अपने मनेन्द्रगढ़ की जानकारी अपने कार्यकाल की क्यों नहीं निकाल रहे है? जहां-जहां से जानकारी मांगते है, रेंजरों को फोन लगाकर पैसा भेजने के लिए बोलते है कि, पैसा भेजो, न भेजने पर सूचना के अधिकार का उपयोग करते है। यह पूर्व डी.एफ.ओ. की विभाग के उच्च अधिकारी मुख्य प्रधान वन संरक्षक को बताया गया है कि, यह व्यक्ति छत्तीसगढ़ शासन को धोखा दे रहा है, इस व्यक्ति के खिलाफ कई बार समाचार प्रकाशित हुआ, पर इस व्यक्ति को पैसे की हवस इतना है कि, इसको अपने शर्म लिहाज का भी पता नही। जिस-जिस डिविजन से जानकारी मांगा गया है उसका पूरा बायो-डाटा और किस-किस रेंजर से मोबाईल से पैसा मांगा गया है इसका भी रिकॉडिंग कार्यालय में रिकॉर्ड है। इस व्यक्ति के द्वारा सूचना के अधिकार का धज्जी उड़ाने वाला पहला व्यक्ति है। इनका पता रायपुर का लिखा जाता है इनका मोबाईन नं. भी आने वाले समय में और इनका फोटो सहित व सूचना के अधिकार की छायाप्रति भी साथ में संलग्न किया जायेगा। अपने आय से भी ज्यादा सम्पत्ति है इनकी भी जांच की जाये।
मनेन्द्रगढ़ के पूर्व डी.एफ.ओ.़ एस.पी. रजक धोखेबाज ? …….
मनेन्द्रगढ़ के पूर्व डी.एफ.ओ. पद पर रहे उनके द्वारा जो कार्य रेंजरों से कराये गये थे, सूत्र बताये जाते है कि, उनके द्वारा फर्जी बिल बनवा-बनवाकर पैसा लिकाले और अपने कार्यकाल में हरे-भरे सरई बीजा का पेड़ कटवाये।