क्रमिक आधार पर, मुद्रास्फीति की दर 0.26 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले शून्य से 0.85 प्रतिशत नीचे रही। लगातार सात महीनों तक नकारात्मक रहने के बाद नवंबर में थोक महंगाई दर सकारात्मक दायरे में लौट आई थी। इस बीच, ईंधन और बिजली व विनिर्माण क्षेत्र में मुद्रास्फीति क्रमश: शून्य से 2.41 प्रतिशत नीचे और शून्य से 0.71 प्रतिशत नीचे रही। क्रमिक आधार पर, मुद्रास्फीति की दर 0.26 प्रतिशत की वृद्धि के मुकाबले शून्य से 0.85 प्रतिशत नीचे रही। खुदरा महंगाई दर नवंबर के 5.55 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है। दिसंबर की मौद्रिक नीति समीक्षा (एमपीसी) में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने मुद्रास्फीति का लक्ष्य 5.4 प्रतिशत पर अपरिवर्तित रखा था। दिसंबर 2023 में, डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर नवंबर, 2023 के 4.69 प्रतिशत से बढ़कर 5.39 प्रतिशत हो गई। देश की थोक मुद्रास्फीति सालाना आधार पर दिसंबर में नौ महीने के उच्चतम स्तर 0.73 प्रतिशत पर पहुंच गई, नवंबर में यह 0.26 प्रतिशत थी। दिसंबर महीने में प्राथमिक वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति बढ़कर 5.78 प्रतिशत हो गई जो नवंबर महीने में 4.76 प्रतिशत थी। दिसंबर में, डब्ल्यूपीआई खाद्य सूचकांक पर आधारित मुद्रास्फीति की दर नवंबर, 2023 के 4.69 प्रतिशत से बढ़कर 5.39 प्रतिशत हो गई। खुदरा मुद्रास्फीति का आंकड़ा जारी होने के कुछ दिनों थोक महंगाई दर के आंकड़े सामने आए हैं। हालांकि, मुद्रास्फीति भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के 2 से 6 प्रतिशत के सहिष्णु दायरे (टॉलरेंस बैंड) के भीतर बनी हुई है। अगस्त की एमपीसी में, रिजर्व बैंक के एमपीसी ने अपने वित्तीय वर्ष 2024 के लिए मुद्रास्फीति पूर्वानुमान को 5.1 प्रतिशत से बढ़ाकर 5.4 प्रतिशत कर दिया था।
खाने-पीने की कीमतों में हुआ बढ़ोतरी……..
खुदरा महंगाई दर नवंबर के 5.55 प्रतिशत के मुकाबले बढ़कर चार महीने के उच्च स्तर 5.69 प्रतिशत पर पहुंच गई है।