रायपुर. रेल मंत्री अश्वनी वैष्णव रेलवे में वीवीआईपी कल्चर खत्म करने दिन रात मेहनत कर रहे हैं. रेल मंत्री ने सार्थक पहल करते हुए जीएम के वार्षिक निरीक्षण पर रोक लगाई, अधिकारियों के चेंबर की बेल हटवाई और भी कई कदम उठाए, लेकिन दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के जीएम और यहां के अधिकारियों पर रेल मंत्री की इस सार्थक पहल से कोई खास तालुख नहीं है. उन्हें तो मंत्रियों जैसी सायरन बजने वाली गाड़ियों की पायलेटिंग चाहिए और अधिकारियों की पत्नियों को कार का गेट खोलने और लेडिज पर्स उठाने के लिए भी रेलवे स्टॉफ चाहिए.
दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन के जीएम रायपुर पहुंचे हैं. रेल मंत्री ने सैलून का दुरूपयोग रोकने के लिए कहा है तो साहब बिलासपुर से रायपुर का सफर भी ट्रेन में न करते हुए बाय रोड रायपुर पहुंचे हैं. हालांकि वे बिलासपुर से रायपुर कैसे आए हैं ये रेल अधिकारियों द्वारा छिपाया जा रहा है, लेकिन उनके ट्रेन और सैलून से रायपुर आने की कोई सूचना रायपुर रेलवे स्टेशन में अधिकारियों के पास नहीं है. सूत्र बताते हैं कि वे शुक्रवार देर शाम को बाय रोड रायपुर पहुंचे हैं, लेकिन वे सुबह ऑफिसर्स रेस्ट हाउस से डीआरएम की कार में रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे.
इस दौरान डब्ल्यूआरएस कॉलोनी से रेलवे स्टेशन तक आरपीएफ ने उन्हें सायरन बजने वाले वाहन से पूरी पायलेटिंग करवाई वैसे ही जैसे मंत्रियों को दी जाती है. इस पायलेटिंग वाहन में आरपीएफ के एक सब इंस्पेक्टर, एक आरपीएफ स्टॉफ और एक अन्य हवलदार मौजूद थे. अब यहां पर समझने वाली बात ये है कि यदि बाय रोड जीएम अपने शासकीय वाहन से रायपुर आए हैं तो वे डीआरएम की गाड़ी में रेलवे स्टेशन क्यों जाएंगे ? खैर इसका तर्क अधिकारी ये दे सकते हैं कि डीआरएम ने अपनी गाड़ी में बैठने का रिक्वेस्ट किया हो, लेकिन रेलवे की अब तक अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही नवाबी परंपरा के हिसाब से ये बात डायजेस्ट हो जाए ऐसी नहीं है.
रेलवे के सूत्र बताते हैं कि जीएम के दुर्ग रवाना होने के बाद डीआरएम का शासकीय वाहन पुनः रेस्ट हाउस गया. वहां जाने के बाद दो अलग-अलग शासकीय वाहनों में जीएम मैडम और डीआरएम मैडम रायपुर की सैर करने निकले. जहां जीएम मैडम का बैग और कार का गेट खोलते हुए रेलवे के स्टॉफ नजर आए, जिन्हें रेलवे ने रेलवे का काम करने के लिए नियुक्त किया है, न कि अधिकारियों की पत्नियों का सामान उठाने के लिए.
हालांकि इस दौरान डीआरएम के शासकीय वाहन क्रमांक सीजी 04 एचडी 8564 में जीएम और डीआरएम मैडम के साथ एक अन्य अधिकारी की पत्नी भी मौजूद थीं. इस गाड़ी में डीआरएम के ड्राइवर के साथ कमर्शियल विभाग का एक स्टॉफ मौजूद था, जिसने कार का गेट खोला, बंद किया. इसके अलावा एक और भारत सरकार की पट्टी वाले वाहन सीजी 04 एनडी 7306 में भी एक रेलवे कर्मचारी और ड्राइवर मौजूद थे.
बिलासपुर जोन के सूत्र बताते हैं कि जीएम का अगला दौरा गोंदिया से नागपुर के बीच होना है. इसके लिए तैयारियां शुरू हो गई है. सूत्रों के मुताबिक नागपुर रेल मंडल के अधिकारियों को ये बता दिया गया है कि जीएम साहब 13 मार्च को गोंदिया से नागपुर तक निरीक्षण करेंगे.