बैकुण्ठपुर मुख्यालय में पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा दवा की खरीदी इतनी की गई की दवा को फेकनें के अलावा सीएमएचओ के पास और कोई रास्ता नहीं था। दवा की अवधी भी पार हो चुकी है सीएमएचओ द्वारा पलंगो की इतनी खरीदी की गई है कि रखनें की जगह नही है। सीएमएचओ नें अपनें कार्यकाल में इतना खरीददारी किया गया है जिस चीज की जरूरत नही थी फिर भी खरीदा गया है क्योकि कमीशन के चक्कर में उन्होंने शासन के पैसे का दुरूपयोंग किया। जानकार सूत्र बताते है कि जो सामान नहीं खरीदा गया उसका भी बिल बनाकर पैसा निकाला गया है। लोंगों में चर्चा का विषय है कि सीएमएचओ नें अपनें कार्यकाल में अपनें कार्यालय का ओड़िट कराया गया। अपनें इच्छानुसार कराया गया सूत्र बताते है ओड़िट करने वालों को सीएमएचओ आफस में दो बाबू ऐसे है जो कि ओडिट करनें वालों को 28 लाख की रकम दी गई है। चर्चा का विषय है सीएमएचओ कार्यालय बाबूओं के इशारें पर चल रहा है।
यहां तक बताया जा रहा है कि बाबूओ कि स्वयं की गाडी दो पहिया या चार पहिये का भी खर्चा विभाग के हिसाब में ही जोडा जाता है जैसे किसी गाडी में 50 लीटर तेल डलना है और किसी में 100 लीटर तेल डलना है तो उसी में बाबूओं का भी हिस्सा उसी में जोड दिया जाता है। यहां तक कि एक दो कलम कारों को विभाग के द्वारा 20 से 25 हजार रूपया दिया जाता था। पूर्व सीएमएचओ के कार्यकाल को देखा जाये तो चर्चा का विषय बन चुका है कि उनके द्वारा 50 एकड एक जगह जमीन खरीदा गया और उनके द्वारा और भी जमीनें खरीदे गये है ये लोंगों में चर्चा है सोचनें वाली बात है कि जब ओडिट करनें वालों को इतनी बडी रकम देना और फर्जी बिलों को सबमीट किये होंगे तभी इतना बडा रकम कमीशन दिया गया। इससे प्रतित होता है कि सीएमएचओ द्वारा अपनें कार्यकाल में जमीनें खरीदी गई है। उनके कार्यकाल में आफिस के बाबू भी हरे भरे रहते थे।