गरियाबंद। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर पानी पहुंचाने का वादा था, लेकिन 93 गांव, 23 हजार घरों में पानी का सपना चकनाचूर हो रहा है. ग्रामीण बूंद-बूंद पानी को तरस रहे हैं. यूं कहें कि जल जीवन मिशन योजना शोपीस बनकर रह गया है. हद तो ये है कि कई जगहों में शौचालयों में पानी के पानी का नल लगा दिया है.
दरअसल, देवभोग के 93 गांव के 23 हजार घरों में पीने का पानी पहुंचाने डेढ़ साल पहले 122 कार्य शुरू कराए गए. मई 2022 में पूरा करना था. काम की कछुआ चाल से अब तक 5 हजार कनेक्शन भी नहीं पहुंच सका है. खाना पूर्ति के लिए शौचालय में भी पीने के पानी का नल खड़ा कर दिया गया.
घर घर पीने का साफ पानी पहुंचाने 2021 में शुरू हुए जल जीवन मिशन योजना के कार्य देवभोग ब्लॉक में कछुवा गति से चल रही है, जिसके कारण कार्य के लिए निर्धारित अनुबंध अवधि खत्म होने के बावजूद योजना के तहत प्रस्तावित घरों तक पानी नहीं पहुंच सका है.
पीएचई कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक जलजीवन मिशन के तहत रेट्रोफिटिंग, एकल ग्राम एवं सोलर ड्यूल पम्प आधारित योजनाओं के तहत लगभग 70 करोड़ लागत से 93 गांव में 122 कार्य की मंजूरी दी गई थी. इन योजनाओं से 23574 घरों में पानी देना प्रस्तावित था.
रिकार्ड में दावा किया गया है कि अब तक केवल 8 कार्य पूर्ण हुए है. 16718 घरेलू टेपनल कनेक्शन बना लिया गया है. इन कार्यो के एवज में अनुबंधित फर्मों को 30 से लेकर 50 फीसदी राशि का भुगतान भी कर दिया गया है.
हकीकत तो यह है कि तैयार किए गए 5000 टेपनल में भी पानी नहीं पहुंच रहा है. मामले में विभाग के एसडीओ जोगेश्वर मरकाम ने कहा कि कार्य प्रगतिरत है. 9 माह का अनुबंध खत्म होने के बाद सभी को एक्सटेंशन दिया गया है. जल्द ही काम निर्धारित समय मे करा लिया जाएगा.
यह तो केवल बानगी ऐसे ही पूरे जिले में डेढ़ लाख से भी ज्यादा घरों में पानी पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, लेकिन अनुंबध में तय मियाद के आधार पर एक तिहाई काम भी पूरा नहीं किया जा सका है. मैनपुर ब्लॉक के जंगली क्षेत्रों में तो हालात ओर बुरा है. यंहा ज्यादातर काम कागजों में दर्शाया गया है. जमीनी हकीकत में मामला कुछ और है.
भाग के रिकार्ड में जिन 16718 घरेलू टेपनल कनेक्शन लगाने का दावा किया गया है .उनमें से ज्यादातर महज शोपीस बन कर रह गया है. दरलीपारा, पीठपारा, कैठपदर, घोघर, लाटापारा, गंगराजपुर, कदलीमुडा जैसे 40 से ज्यादा गांव में कनेक्शन लगाए गए हैं.
इसके साथ ही सोनमुंदी, मूंगझर, बरही जैसे 20 से ज्यादा गांव में केवल पाइप बिछा कर छोड़ दिया गया है. सिनापाली में पाईपलाइन के लिए गढ्ढ़े खोद कर ठेकेदार छोड़ दिया है, जबकि इन्ही पानी विहीन कनेक्शन को रिकार्ड में बनना बता कर विभाग पर अफसरों को पानी पहुंचाने वाला कनेक्शन होने का दावा कर रहा है.
मुड़ागांव, लदरा, गोहरापदर, नांगलदेही, खुटगांव, कुम्हडी कला, बाड़ीगांव, मूरगुड़ा समेत 14 काम को ठेका कम्पनी ने पूरा कर लिया है. बनाए गए टंकी को पूर्व में खोदे गए सोर्स से जोड़ना था, लेकिन कुछ जगह ग्रामीण इसका विरोध कर रहे, जिससे टैंक कनेक्शन नहीं हो सका है. विवाद को देखते हुए कुछ ठेकेदारों ने अनुबंध से बाहर हट कर पृथक बोर भी खुदवा दिया है, ताकि उन्हें फाइनल काम के एवज में भुगतान किया जा सके.