सोनहत/कोरिया :- जनपद सदस्या ने अधिकारियों पर मिलीभगत का लगाया आरोप WBM सड़क निर्माण में हुए घोटाले की जांच लगभग 4 महीने बीतने के बाद भी अब तक नहीं हो सकी है इस पूरे मामले पर जनपद सदस्य मानमती सिंह ने लगभग 3 माह पूर्व आवेदन कर उक्त उप सड़क की जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की थी पर अफसोस आज तक फाइल अधिकारियों के टेबल पर ही धूल खा रही है पूरा मामला विकासखंड सोनहत के दूरस्थ ग्राम पंचायत तत्कालीन ग्राम पंचायत आनंदपुर वर्तमान ग्राम पंचायत दसेर के ग्राम कछुआखोह का है जहाँ ग्रामीणों की सुविधा के लिए सरकार ने 2017 में WBM सडक निर्माण की स्वीकृति दी थी लेकिन इस सड़क पर भ्रष्टाचार और जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही से मात्र 850 मीटर की सड़क को बनते बनते चार साल लग गए और कार्य मौके पर मौजूद सूचना पटल के मुताबिक 2021 में बन कर पूर्ण हुआ।
मामले पर जब पड़ताल की गई तो पता चला कि उक्त सड़क बनी ही नहीं क्योंकि WBM सड़क निर्माण के लिए मुख्यतः 40mm गिट्टी व मुरुम का उपयोग होता है जो हुआ ही नहीं गांव के पंच खेलावन सिंह, उपसरपंच व सरपंच पति धानु सिंह बताते हैं कि उक्त सड़क के कार्यस्थल पर आरईएस विभाग से स्वीकृत लगभग तीन किलोमीटर की मिट्टी मुरुम सड़क निर्माण का काम भी चल रहा था और उसी सड़क पर तत्कालीन ग्रामपंचायत आनंदपुर के द्वारा 850 मीटर WBM सड़क की स्वीकृति लेकर कार्य प्रारंभ किया गया लेकिन काम के नाम पर तत्कालीन इंजीनियर व ठेकेदार ने मौके पर लगभग एक हफ्ते जेसीबी मशीन से मुरुम और गिट्टी मिश्रित मिट्टी खोदकर बिछा दिया गया और चार साल बाद बोर्ड लगा दिया गया कि उक्त स्थान पर WBM सड़क निर्माण हुआ है जिसकी शिकायत मिलने पर क्षेत्र क्रमांक-2 की जनपद सदस्या मानमति सिंह जो कि जनपद पंचायत में निर्माण एवं संचार संकर्म समिति की अध्यक्ष भी हैं के द्वारा दिनाँक 21/09/022 को अपने लेटर पैड में तत्कालीन एसडीओ विनोद सेन को निर्माण कार्य की जाँच कर दोषियों पर कार्रवाई करने का आवेदन किया लेकिन देखते देखते ढाई महीने बीत गए लेकिन जांच एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी और कुछ दिनों बाद साहब का तबादला हो गया और साहब शिकायत पत्र साहब के टेबल में ही रह गया और उनका चार्ज सम्भालने स्थानांतरित होकर आयी एसडीओ महोदया ने इस सम्बंध में शुरू में कोई जानकारी नहीं होने की बात कही गईं थी अब उनके द्वारा कहा जा रहा है कि 1 सप्ताह में जांच करके बताते हैं इससे साफ जाहिर होता है कि अधिकारी जानबूझकर इस मामले की जांच नहीं करना चाहते क्योंकि यदि सत्यता से जांच की गई जिसमें पंचायत के सरपंच सचिव और इंजीनियर तथा बड़े अधिकारी भी नप सकते हैं शायद यही वजह है कि जिम्मेदार जानबूझकर इस मामले को ठंडे बस्ते में ही रहने देना चाहते हैं वहीं इस पूरे मामले पर जनपद सदस्य ने अब कलेक्टर महोदय तथा मुख्यमंत्री तक शिकायत करने की बात कही है।
दूसरे कार्यों में व्यस्त रहने के कारण जांच नहीं हो सकी एक हफ्ते में जांच कर बताते हैं।