Home कोरिया धान खरीदी केन्द्र बना चारागाह……

धान खरीदी केन्द्र बना चारागाह……

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जिला बैकुण्ठपुर:- मुख्यालय में जगह-जगह धान खरीदी केन्द्र बने हुये है। पर ग्राम पंचायत गिरजापुुर के लोगो द्वारा चर्चा का विषय बना हुआ है। कम्प्यूटर ऑपरेटर के द्वारा टोकन तभी काटा जाता है जब उनको पैसे दिये जाते है धान खरीदी में किसानों के द्वारा धान की पैदावार कम होने के कारण अपनें अड़ोसी-पड़ोसी और मार्केट से धान खरीद लिया जाता है। जब धान खरीदी केन्द्र में किसान धान लेकर जाता है तब वहां के कर्मचारीयों के द्वारा धान में खखरा और नमी भी बताकर पैसा वसूला जाता है लोंगो में चर्चा का विषय है कि जब इतना बड़ा मामला सामनें आया तो किस अधिकारी ने पैसा लेकर इस घटना को नजर अंदाज कर दिया और पटना में ऐसा कौन-सा होटल है जिसमें अधिकारीयों को खाने-पीनें की व्यवस्था कि जाती है। ये काम किस समिति के द्वारा किया जाता है यहां तक की केमरा चमकानें वालों को समिति द्वारा पैसा दिया जाता है और केमरा चमकानें वाले व्हाटसप पर समितियों का लिखतें है की बड़ी ईमानदारी व किसानों को सर्वसुविधायुक्त व्यवस्था है केमरा चमकानें वाले भ्रष्ठ लोंगो को संरक्षण देने का अधिकार इन लोंगो को किसनें दिया और समितियों पर पैसा कहां से आ रहा है जो की रेवड़ी की तरह बाट रहे है। समाज जानना चाहता है की होटल का खर्चा कौनसी समिति उठाती है। चर्चा का विषय है कि इन अधिकारीयों को समितियों के द्वारा पैसा कहां से बॉटा जाता है। पटना के होटल मे खाने की व्यवस्था किस समिति द्वारा किया जाता है। ये सब पैसा किसान के धान के पैसे से ही मैकप किया जाता है। ऐसे अधिकारीयों के प्रति कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जानी चाहिये जो किसानों का पैसा खा भी जाते है और ढकार भी नहीं लेते। जबकि हर धान समिति केन्द्र में शासन द्वारा केमरा की व्यवस्था होते हुये भी ऐसे कृत्य किये जा रहें है।

इसी प्रकार पटना के ग्राम पंचायत ड़कई पारा के कृषक सिंहदेव आत्मज धनीराम के नाम पर समिति के कम्प्यूटर ऑपरेटर राजेश साहू के किराना दुकान में खरीदा हुआ धान समिति में ले जाया गया था जिसे तहसीलदार बैकुण्ठपुर द्वारा मौके पर जाकर जब्ती बनाया गया था आज पुःन समिति पटना में ही समिति कर्मचारियों द्वारा किसानों के खातें में खपानें के लिये रखा गया अवैध धान को तहसीलदार बैकुण्ठपुर द्वारा जाकर जप्त किया गया। विगत वर्ष भी इन कर्मचारियों को प्रशासन द्वारा दूसरे के खाते पर धान बेचनें का दोषी पाया गया था।

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