जिला बलरामपुर में एक बिडंबना वाली चर्चा है की पिता अपनें पुत्र को अपनें उतराधिकारी बनाया जाता है पर एक बड़ी बिड़ंबना है की मिश्रा जी के द्वारा अपना पहुच बल व पैसे के बल पर वन विभाग में अपनी जड़े मजबूत की है अपने वाडफनगर बलरामपुर का चार्ज अपने पुत्र को दिया स्वयं बलरापुर का चार्ज लिये ये रेन्जर मिश्रा जी का तीसरी पिढ़ी वन विभाग को समर्पण किया इससे साबित होता है की रेन्जर मिश्रा एक ही डिविजन में पिता-पुत्र अनिमितता को साबित कर रहा है जबकि और भी रेंन्ज खाली थी उस रेन्ज में पिता या पुत्र जा सकते थे रेन्जर के पद से कोई छोटा बड़ा पद होता तो अनियमितता नहीं कहलाता उनके द्वारा एक डिविजन क्यु चुना इसका क्या कारण है।