मुख्यालय बैकुण्ठपुर , कहने को जिला है पर जितना ही छोटा जिला है, उतनी ही बड़ी यहां की वार्दातें होती है। सोचने वाली बात है प्रशासन के नजर मे बैकुण्ठपुर का जूॅआ कहा हो रहा है कौन करा रहा है यह मालूम ही नही है इसकी जोरो-सोरो की चर्चा सरगुजा जिले में बखुबी सूनने को मिल रहा है। कारण यही है कि नई पीढ़ी के पत्रकार बस पैसा वसूलना जानते है,
क्यांेकि वह ही अपने-आप में गलत होते हैं। तो प्रशासन के विरूद्ध समाचार कैसे डालें। क्योंकि उनके पास खाली प्रशासन की चापलूसी में वाह-वाही बटोर रहे है। एक कहावत है कि ‘‘गले में घन्टी कौन बॉधे’’ पत्रकारिता का उद्देश्य खाली आईना दिखाना है, क्योंकि आईना दिखाने वाला ही बुराईओं से घिरा रहता है, जहॉ भी आप देखे वहॉं घटिया किस्म के लोग अपने को पत्रकार बोलने वाले चापलूसी में व्यस्त रहते हैं। लोगों में चर्चा है की चापलूसी में पैसा है और अच्छी पत्रकारिता में बुराई है, बैकुण्ठपुर के आस-पास के जिले के लोगों मे बैकुण्ठपुर का नाम जबान पर जूॅआ के नाम पर चरचित है।