नगर के चौक चौराहों पर यातायात पुलिस द्वारा बैरिकेड्स तो लगा दिए गए हैं पर यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए जिम्मेदार पुलिस का एक भी जवान दिखाई नहीं देता। नेताओं के काफिले आते हैं तो पुलिस के अधिकारियों द्वारा नगर में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दी जाती है।
प्रतापपुर । नगर पंचायत प्रतापपुर की यातायात व्यवस्था को सुधारने अब तक कोई पहल नहीं हो सकी है। यातायात व्यवस्था से न तो शासन को ही कोई मतलब है और न प्रशासन को। यहां आए दिन रजघटा नाला से लेकर बस स्टैंड तक छोटे बड़े वाहनों का लंबा जाम लगना अब आम बात हो चुकी है। साप्ताहिक बाजार के दिन तो यहां की यातायात व्यवस्था का और भी बुरा हाल हो जाता है। कई जगह पर घंटों तक वाहनों की लंबी कतारें लग जाती हैं पैदल चलना भी मुश्किल हो जाता है।
जबकि नगर के बाहर से रिंग रोड निकालने के लिए नगर से सटे ग्राम खोरमा से लेकर नया बस स्टैंड तक पहले से ही मौजूद कच्ची सड़क को यदि चौड़ा और पक्का कर दिया जाए तो इस समस्या का समाधान निकाला जा सकता है। इस दिशा में नगर पंचायत ने पहल करते हुए शासन को 2020 में एक प्रस्ताव बनाकर भेजा था जिसे शासन से मंजूरी भी मिल चुकी है पर अभी तक बजट उपलब्ध नहीं हो सका है जिसके कारण मामला ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है।
पुलिस भी समस्या को लेकर गंभीर नहीं–
नगर के चौक चौराहों पर यातायात पुलिस द्वारा बैरिकेड्स तो लगा दिए गए हैं पर यातायात व्यवस्था को संभालने के लिए जिम्मेदार पुलिस का एक भी जवान दिखाई नहीं देता। नेताओं के काफिले आते हैं तो पुलिस के अधिकारियों द्वारा नगर में पुलिसकर्मियों को तैनात कर यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त कर दी जाती है । पर काफिला गुजरते ही पुलिसकर्मी गायब हो जाते हैं। इसके बाद यातायात व्यवस्था का फिर से बुरा हाल हो जाता है।
18 करोड़ की लागत से रिंग रोड का निर्माण कराने शासन से मंजूरी मिल चुकी है। कोरोना काल के कारण बजट मिलने में देर हुई है पर अब शासन द्वारा जल्द ही बजट उपलब्ध कराने की बात कही गई है। बजट मिलते ही रिंग रोड का निर्माण कार्य तेजी से किया जाएगा।
कंचन सोनी, नपं अध्यक्ष प्रतापपुर