मध्य प्रदेश, छतीसगढ़, मिजोरम, राजस्थान और तेलंगाना के चुनाव परिणाम कांग्रेस और बीजेपी, दोनों के लिए नाक का सवाल हैं. मध्य प्रदेश, छतीसगढ़ और मिजोरम में जहां मतदान हो चुका है, वहीं राजस्थान और तेलंगाना में 7 दिसंबर को वोटिंग होगी. इन चुनावों के परिणाम 11 दिसंबर को आएंगे. इन परिणामों के बीच एक तरफ जहां राहुल गांधी पर साल 2019 से पहले कांग्रेस की राजनीतिक जमीन मजबूत करने का जिम्मा है, तो दूसर तरफ भारतीय जनता पार्टी पर लोकसभा चुनाव से पहले इस सेमी फाइनल को जीतने का दबाव है.
इस राजनीतिक शह-मात के खेल में कांग्रेस बहुत संभल कर या यह कहें कि अपने पुरानी गलतियों से सीख कर पहले से ही जीत की प्लानिंग बनाने में जुट गई है. छत्तीसगढ़ में मतदान के बाद ही कांग्रेस इस रणनीति में लग गई है कि मतगणना वाले दिन से लेकर सरकार बनाने तक की तस्वीर कैसी होगी.
छत्तीसगढ़ चुनाव: वोटिंग प्रतिशत को लेकर क्यों उठ रहे हैं सवाल?
इस बाबत अंधाधुंध चुनावी प्रचार के बीच एक दिन का समय निकाल कर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ नेताओं के साथ बैठक भी की. राहुल गांधी के आवास पर बीते शुक्रवार दो घंटे से ज्यादा लंबी बैठक हुई, जिसमें छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी पीएल पुनिया, प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल, विधायक दल के नेता टीएस सिंहदेव सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे. इस मैराथन बैठक में पहले मतदान की पूरी जानकारी दी गई, जिसमें EVM के साथ कुछ छिटपुट घटनाओं का जिक्र रहा. वहीं मतगणना वाले दिन के लिए प्लान तैयार किया गया.