अष्टमी तिथि पर कन्या पूजन के साथ हवन आदि भी किया जाता है। नवरात्रि के नौ दिन अति उत्तम माने गए हैं। लेकिन नवरात्रि की अष्टमी तिथि का काफी महत्व होता है। इस दिन लोग व्रत खोलने के साथ ही कन्या पूजन भी करते हैं। इस साल महाष्टमी 3 अक्टूबर को है और 4 अक्टूबर को महानवमी मनाई जाएगी। अष्टमी तिथि पर मां महागौरी की पूजा की जाती है।
अष्टमी तिथि प्रारम्भ – अक्टूबर 02, 2022 को 06:47 पी एम बजे।
अष्टमी तिथि समाप्त – अक्टूबर 03, 2022 को 04:37 पी एम बजे।
अष्टमी के दिन कन्या पूजन का महत्व- नवरात्र पर्व पर दुर्गाष्टमी या महाष्टमी के दिन कन्याओं की पूजा की जाती है। जिसे कंचक भी कहा जाता है। इस पूजन में नौ साल की कन्याओं की पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि महागौरी की उम्र भी आठ साल की थी। कन्या पूजन से भक्त के पास कभी भी कोई दुख नहीं आता है और मां अपने भक्त पर प्रसन्न होकर मनवांछित फल देती हैं।
कन्या पूजन के उत्तम मुहूर्त- अमृत- सुबह 06:15 बजे से सुबह 07:44 बजे तक।
शुभ- सुबह 09:12 बजे से सुबह 10:41 बजे तक।
लाभ- दोपहर 03:07 बजे से शाम 04:36 बजे तक व शाम 04:36 बजे से शाम 06:05 बजे।
महागौरी की पूजा का महत्व- नवरात्रि के आठवें दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप मां महागौरी की पूजा की जाती है। मान्यता है कि महागौरी की पूजा करने से शारीरिक व मानसिक समस्याओं से मुक्ति मिलती है। महागौरी की पूजा से धन, वैभव व ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।