मुख्यालय बैकुण्ठपुर एस.बी.आई. बैंक के बाहर सूद खोरों को देखा जा सकता है। सूद खोर ब्याज से पैसा देने वालों से पास बूक अपने पास रख लेते है, क्योकि उनका ब्याज 20 परसेंट से 30 परसेंट तक आता है, जब ब्याज देने वाले का भुगतान का समय आता है तो सूद खोर उसको साथ में ले जाकर बैंक से पैसा निकलवा लेता है। सोचने वाली बात यह कि कमिहॉं एक महिने तक मेहनत करके आपने बाल-बच्चे का पेट काटकर सूद खोरों के लिए कमाता है, और महिना आने पर सूद खोर आकर अपने मोटर सायकल में बैठाकर बैंक ले जाकर पैसा निकलवा लेता है। कमिहॉं का हाथ फिर भी खाली रहता है। बैकुण्ठपुर इतना छोटा जिला है जिसे जिला बोलने में भी शर्म आती है, जिसको प्रशासन अंदेखी कर रहा है। और लोगवाग अपनी मेहनत का पैसा भी नही रख पा रहें है। बैकुण्ठपुर प्रशासन ऐसे सूद खोरो पर कड़ी नजर रखें।
