अवैध कटाई से लेकर निर्माण कार्यों में भारी अनियमितता
रवि शर्मा
सोनहत- वनपरिक्षेत्र सोनहत में नित नए घोटाले सामने आ रहे हैं चाहे अवैध कटाई की बात हो या निर्माण कार्य की हर काम में घोटाला करने में रेंजर साहब माहिर हैं इनके कार्यकाल में तस्करों के हौसले इतने बुलंद हैं कि दिनदहाड़े तस्कर जंगल में आरा मशीन से पेड़ काटते हैं, रात के अंधेरे में बकायदा गाड़ियों से लकड़ी तस्करी की जाती है लेकिन एक भी लकड़ी चोर इनके पकड़ में नहीं आता और तो और इनके कार्यालय से महज एक किलोमीटर की दूरी पर वर्षों पुराने सागौन के सैकड़ों पेड़ काट डाले गए और साहब हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं जिसकी सूचना समय समय पर इनके उच्चाधिकारियों को भी दी जाती है लेकिन मजाल है कि साहब पर कोई कार्यवाही हो इसी तरह निर्माण कार्यों में भी साहब जमकर भ्रष्टाचार करते हैं जिसका एक नमूना हम पेश कर रहे हैं वनपरिक्षेत्र सोनहत के अंतर्गत आने वाले सोनहत सर्किल के कक्ष क्रमांक आर एफ 245 में साहब के द्वारा वित्तीय वर्ष 2021-022 में लूज बोल्डर चेकडैम का निर्माण कराया गया है जहां मजदूरों से ही जंगल के पत्थरों को तोड़वा कर निर्माण कार्य कराया गया और जब साहब से इस बाबत पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जंगल में मौजूद पत्थरों का संग्रहण कराकर निर्माण कराया गया है लेकिन जब बिल की बात आई तो चुपचाप लोकल मटेरियल सप्लायर के नाम पर एक लाख रुपये से ज़्यादा का बिल लगाकर राशि का बन्दरबांट कर लिया और साहब यही नहीं रुके कार्य में अपने ही कर्मचारी पुत्रों, पत्नी तथा दूसरे विभाग के कर्मचारी पुत्र के नाम पर मजदूरी भरकर उन्हें भी लाभ पहुँचाया गया यहाँ गौर करने वाली बात यह है कि जिन बच्चों के नाम पर राशि निकाली गई है वे सभी शैक्षणिक संस्थानों में अध्ययनरत हैं लेकिन इनके रिकॉर्ड में मनरेगा मजदूर हैं जबकि ये पूरी तरह नियम विरुद्ध है इसी तरह अपने ही विभाग के एक कर्मचारी की पत्नी के नाम पर भी मजदूरी के नाम से राशि निकली हुई है और जिसका पूरा विवरण मनरेगा की ऑनलाइन साइट पर उपलब्ध है पर वो कहावत है न कि जब सइयां भये कोतवाल तब डर काहे का इस कहावत का ज़िक्र हम इसलिए कर रहे हैं क्योंकि इनके पूरे कारनामों की खबर वनमंडलाधिकारी को समय समय पर व्हाट्सएप के माध्यम से दी जाती है लेकिन आज तक साहब पर कार्रवाई तो दूर की बात है जाँच कमेटी तक नहीं बनी शायद यही वजह है कि साहब खुल्लमखुल्ला घोटाले पर घोटाला कर रहे हैं अब देखना है कि बड़े साहब नींद से जागते हैं या फिर मलाई की चाह में आंख बंद करे रहते हैं।