भोपाल । मध्य प्रदेश में गर्मी का प्रकोप कम होने का नाम ही नहीं ले रहा केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है, इस खबर ने भले ही लोगों को चेहरे पर मुस्कान ला दी हो, लेकिन सच तो यह है कि फिलहाल प्रदेश के लोगों को, खासतौर पर पश्चिमी मध्य प्रदेश के लोगों को दो हफ्ते और गर्मी झेलनी पड़ेगी। मानसून की गति देख यही कह सकते हैं कि यहां पर मानसून 15 जून के बाद ही पहुंचेगा। तब तक तापमान 38 से लेकर 41 डिग्री सेल्सियस के आसपास ही बना रहेगा। भोपाल का तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस, इंदौर का 2.1 डिग्री सेल्सियस, ग्वालियर का 1.4 डिग्री सेल्सियस तो जबलपुर का 1.2 डिग्री सेल्सियस बढ़ गया। 30 मई को प्रदेश का सबसे गर्म शहर ग्वालियर 44.7 डिग्री सेल्सियस रहा। मौसम विज्ञानी पीके साहा ने बताया कि 31 मई को रीवा संभाग के जिलों में तथा उमरिया, शहडोल, अनूपपुर, सिवनी, बालाघाट, मंडला, दमोह, सागर एवं जबलपुर जिलों में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है।
मौसम विज्ञानी डा. ममता यादव ने बताया कि उत्तर-पश्चिमी राजस्थान से दक्षिणी उत्तर प्रदेश होकर असम तक एक ट्रफ लाइन बनी हुई है। इन दो मौसम प्रणालियों के असर से मिल रही नमी के कारण पूर्वी मध्य प्रदेश में कहीं-कहीं बारिश हो रही है। हालांकि शेष कुछ जिलों में नमी कम होने के कारण उमस बनी हुई है।