रायपुर। एक साथ 22 ट्रेनों को रद किए जाने के रेलवे के इस निर्णय ने यात्रियों के समक्ष परेशानी खड़ी हो गई है। इन ट्रेनों से लाखों यात्रियों को शादी, तीर्थ यात्रा, परीक्षा एवं अन्य आवश्यक कामों के लिए जाना था। इसीलिए पहले से ही आरक्षण करवाकर रख लिया गया था। अब टे्रनों के रद किए जाने से इनकी परेशानी बढ़ गई है। लोग यात्रा के लिए बस ढूंढ रहे हैं। वहां भी स्थिति ये हो गई है कि कई मार्गो के लिए सीटें तक नहीं मिल रही हैं। लाखों यात्रियों को हलाकान होना पड़ रहा है। आरक्षण केंद्रों में टिकट रद कराने वालों की भारी भीड़ लग रही है।
लोगों ने बाहर जाने के लिए दो माह पहले टिकट बुक कराया था, लेकिन रेलवे के एक आदेश ने उनकी आशाओं पर पानी फेर दिया। ट्रेन रद होने के बाद आरक्षण केंद्र खुलते ही यात्री टिकट का पैसा वापस लेने पहुंच रहे हैं। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, पहले रविवार और सोमवार को सुबह से रात तक करीब एक लाख रुपये तक रिफंड करना पड़ता है, अब यकायक ये राशि तीन से चार लाख रुपये तक पहुंच रही है। दूसरी ओर, निजी वाहनों की मांग बढ़ गई है। यात्री अधिक पैसे देकर निजी वाहनों से अपने गंतव्य तक जाने के लिए विवश हो गए हैं।
ऐसे में दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, पंजाब जाने के लिए लोग बसों में टिकट बुक करवाने पहुंचने लगे है, लेकिन यहां भी यात्रियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। बस ट्रेवल्स एजेंसी के सैैय्यद अनवर ने बताया कि, लंबी दूरी के लिए बस यात्री की संख्या यकायक बढ़ गई है। मुंबई जाने वाली बस पूरी तरह से भर चुकी है।
रायपुर रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर राकेश सिंह ने कहा, ट्रेन से यात्रा करने वाले ज्यादातर यात्री आनलाइन टिकट निकालते हैं। ट्रेन रद्द होने से पैसा सीधा उनके खाते में पहुंच जाता है। जिन यात्रियों ने काउंटर टिकट निकाला है, उनका पैसा वापस किया जा रहा है।