बिलासपुर। दीपावाली अवकाश के बाद सोमवार से छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में नियमित रूप से कामकाज प्रारंभ हो गया है। रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी रोस्टर के अनुसार तीन डिवीजन,दो विशेष सिंगल बेंच व 11 सिंगल बेंच में सुनवाई प्रारंभ हो गई है। दीपावली अवकाश के पहले वकीलोें का एक प्रतिनिधि मंडल छत्तीसगढ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एके गोस्वामी से मुलाकात कर अवकाश से पहले जमानत याचिकाओं पर सुनवाई को प्राथमिकता देने की मांग की थी। वकीलों ने जमानत याचिकाओं की बढती पेंडेंसी का हवाला भी दिया था। मुख्य न्यायाधीश ने वकीलों की मांग को गंभीरता से लेते हुए जमानत याचिकाओें की सुनवाई के लिए छह विशेष बेंच का गठन किया था। दीपावली अवकाश से पहले विशेष बेंचों में जमानत याचिकाओं की लगातार सुनवाई की गई। हाइकोर्ट में जमानत के मामलो में बढ़ती पेंडेंसी को देखते हुए चीफ जस्टिस ने नई रोस्टर व्यवस्था लागू की है.नई व्यस्था के तहत अब दीपावली अवकाश तक छह बैंचों में जमानत मामलों की सुनवाई होगी। मालूम हो कि मुख्य न्यायाधीश गोस्वामी ने कामकाज संभालने के बाद पुरानी व्यवस्था लागू कर दी थी,जिसकी वजह से सिर्फ जस्टिस एनके चंद्रवंशी की बैंच में ही जमानत मामलो की सुनवाई हो पा रही थी।
वकीलों ने और बैंचों में भी जमानत की सुनवाई के लिये व्यवस्था की मांग चीफ जस्टिस से की थी। छह जजो के यहां होगी सुनवाई। चीफ जस्टिस ने वकीलों की मांग को देखते हुए दीपावली के पहले तक जमानत याचिकाओं का निराकरण करने के उद्देश्य से छह बैंचों का गठन किया था, जो अस्थाई तौर पर सिर्फ दीपावली अवकाश के पूर्व तक ही जमानत याचिकाओं की सुनवाई करेंगे। अब जस्टिस एनके चंद्रवंशी के अलावा जस्टिस गौतम चौरड़िया, ,जस्टिस रजनी दुबे, जस्टिस पीपी साहू ,जस्टिस एनके व्यास ,जस्टिस दीपक तिवारी की बैंच जमानत याचिकाओं की सुनवाई की गई।