*रवि शर्मा*
*कोरिया/भरतपुर–* कोरोना काल में गरीबों को राहत देने के लिए सरकार के द्वारा फिलहाल राशन दुकान से चावल मुफ्त में दिया जा रहा है और सिर्फ शक्कर और चना के पैसे लिये जा रहे हैं तो वहीं केंद्र सरकार के द्वारा प्रतिव्यक्ति 5किलो अतिरिक्त चावल दिया जा रहा है लेकिन ग्रामपंचायत कटवार में कहानी कुछ और है यहाँ दूरस्थ वनांचल क्षेत्र होने के कारण शासन के द्वारा वर्षाकाल का राशन एक साथ प्रदान किया जाता है हर साल की भांति इस बार भी डीलर के द्वारा ग्रामीणों को तीन माह का राशन वितरण किया गया लेकिन इसबार चावल मुफ्त में देने की बजाय डीलर ने ग्रामीणों से चावल के बदले पैसे भी वसूले तो वहीं कुछ लोगों को राशन भी कम दिया गया तथा प्रतिमाह मिलने वाले शक्कर व चना में भी सेंधमारी करते हुए एक माह का शक्कर व चना नहीं दिया गया ग्रामीणों के पूछने पर डीलर ने बताया कि एक माह का प्राप्त नहीं हुआ है मिलने पर बांटा जायेगा।
*ऐसे हुआ मामले का खुलासा-* इस गड़बड़ झाले का खुलासा ग्रामपंचायत के ही उपसरपंच बृजकिशोर यादव ने किया उन्होंने बताया कि पहले मेरे द्वारा कई बार डीलर को समझाया गया कि पैसा मत लो चावल मुफ्त देना है जिसपर डीलर ने कहा कि मेरे पास डीओ है इसलिए पैसा ले रहा हूँ तब उपसरपंच के द्वारा इस खबर को सोशल मीडिया में वायरल कर दिया इसके बाद खाद्य अधिकारी महोदया मौके पर जांच करने पहुंची और जाँच उपरांत उन्होंने आरोप सही पाते ही दरियादिली दिखाते हुए डीलर को ग्रामीणों से लिये गए पैसों को वापस करने का निर्देश देकर मामले को खत्म करने का प्रयास किया जबकि उनके द्वारा कुछ ग्रामीणों को दिये गए कम चावल और चना, शक्कर के लिए कुछ नहीं कहा जिससे खाद्य अधिकारी द्वारा दिया निर्देश ग्रामीणों को कम लेकिन डीलर को ज्यादा लाभ देने वाला प्रतीत होता है
*खाद्य अधिकारी के आदेश पर सरपंचजी कर रहे पैसा वापस-* आपको बता दें कि खाद्य अधिकारी का आदेश प्राप्त होते ही सरपंच द्वारा मामले का पटाक्षेप करने हेतु ग्रामीणों के पैसा वापस किया जा रहा है लेकिन कुछ ग्रामीण पैसा वापस लेने के लिए तैयार नहीं है उनका कहना है कि डीलर दिया गया कम चावल, शक्कर, चना पूरा वापस करे तभी हम पैसा वापस लेंगे तो उपसरपंच ने कहा कि डीलर के ऊपर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए, बाहरहाल अब देखना है कि जिम्मेदार अफसर राशन डीलर पर कुछ कार्यवाही करते हैं या अभयदान देते हैं क्योंकि *”पैसा बोलता है”*