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✍ मैदान में 51 फीट का रावण दहन ………

रायपुर मैदान में 15 अक्टूबर की शाम को रावण के पुतले का दहन

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रायपुर ।  राजधानी रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में 15 अक्टूबर की शाम को रावण के पुतले का दहन किया जाएगा। 51 फीट का रावण दहन होगा। डब्ल्यूआरएस मैदान रायपुर-महासमुंद ट्रैक के किनारे होने के कारण काफी संवेदनशील माना जाता है। चार साल पहले अमृतसर में हुए हादसे के बाद से यहां भी दशहरा उत्सव के दौरान विशेष सतर्कता बरती जा रही है। रेलवे प्रशासन ने पटरी और मैदान को अलग करने के लिए दूर तक बाउंड्री भी बनाई थी। इस बार इस बाउंड्री को कवर करने के लिए उतनी ही दूरी तक नौ फीट ऊंचा टेंट लगाया गया है, ताकि मैदान में मौजूद लोग पटरी के आसपास नहीं पहुंच सकें। रेलवे के अधिकारियों ने बताया कि ट्रैक के किनारे पहले ही बाउंड्री बना दी गई थी, अब इसे और घेरने के लिए टेंट का एक और घेरा बनाया गया है। रावण दहन कार्यक्रम के दौरान डीआरएम से लेकर अन्य विभागों के अफसरों और आरपीएफ के जवानों को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं।

रावण दहन के दौरान ट्रैक से कई स्पेशल यात्री गाड़ियां और मालगाड़ी गुजरती हैं, लिहाजा रेलवे प्रशासन ने दोपहर तीन बजे से रात आठ बजे तक ट्रेक से गुजरने वाली ट्रेनों की अधिकतम गति 15 किमी प्रतिघंटा रखने का फैसला लिया है। यही नहीं, ट्रैक के किनारे सौ से अधिक आरपीएफ के जवान भी सुरक्षा में तैनात किए गए हैं। रावण दहन को लेकर नगर निगम ने अपनी पूरी तैयारी कर ली है। अफसर, जनप्रतिनिधियों ने गुरुवार को निरीक्षण भी किया। रावण दहन देखने आने वालों को कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए मास्क और शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना होगा।

छत्तीसगढ़ राजधानी रायपुर के डब्ल्यूआरएस मैदान में दशहरा कार्यक्रम को इस बार सादगी से आयोजित किया जाएगा। सार्वजनिक दशहरा उत्सव समिति अध्यक्ष विधायक व संरक्षक ने लगातार कार्यक्रम स्थल का निरीक्षण कर व्यवस्था देख रहे हैं। उन्होंने बताया कि इस बार आतिशबाजी का भी बंदोबस्त किया गया है। कोरोना को देखते हुए किसी भी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन नहीं होगा। डब्ल्यूआरएस मैदान में जहां रावण दहन किया जाता है, वहां से मुंबई हावड़ा रेल लाइन भी गुजरती है। यह कार्यक्रम स्थल के पास ही है। कई बार लोग पटरियों के पास भी जमा हो जाते हैं, इससे हादसा होने की संभावना बनी रहती है। अब पटरियों के पास बेरिकेडिंग की जा रही है, ताकि कोई भी आम आदमी पटरियों के पास न जाए, इसकी निगरानी भी की जाएगी। ट्रैफिक का जिम्मा जिला प्रशासन और पुलिस की टीम संभालेंगी।

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