रायपुर। छत्तीसगढ़ के कवर्धा में भगवा ध्वज का अपमान करने और दंगा फैलाने वालों पर कार्रवाई करने की बजाय निर्दोषों को पकड़ने के खिलाफ विश्व हिदू परिषद के नेतृत्व में मंगलवार को प्रदेशभर में धरना दिया गया। संपूर्ण घटना की न्यायिक जांच कराने, दोषियों को गिरफ्तार करने, मंत्री मो.अकबर को मंत्री पद से हटाने और एसपी, कलेक्टर, थानेदार, नायब तहसीलदार को निलंबित करने की मांग को लेकर आवाज बुलंद की गई।
विश्व हिंदू परिषद के प्रांत सहमंत्री घनश्याम चौधरी ने कहा कि कवर्धा में हुए दंगे में हिंदुओं को दोषी ठहराकर कार्रवाई की गई और तलवार लेकर घूम रहे असली दोषियों पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके लिए मंत्री मो.अकबर जिम्मेदार हैं। असामाजिक तत्वों को मंत्री मो.अकबर संरक्षण दे रहे हैं। पिछले कुछ समय से कवर्धा के आसपास के गांवों में हिंदू महिला के साथ छेड़खानी, बलात्कार करने वाले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिछले साल हनुमान जयंती, दशहरा आयोजन पर हिंदुओं के साथ मारपीट की गई। कई हिंदुओं की जमीन पर जबरन अवैध कब्जा करके धमकियां दी जा रही हैं।
प्रांत सहमंत्री चौधरी ने कहा कि दंगे के विरोध में पांच अक्टूबर को हिंदू समाज ने प्रदर्शन किया, लेकिन प्रशासन ने इसे भाजपा प्रायोजित प्रदर्शन करार दिया, जो कि गलत है। हिंदुओं ने अपने हक और अन्याय के खिलाफ आवाज उठाई थी। धरने के माध्यम से मांग की जाएगी कि प्रदेश भर में अवैध रूप से रह रहे एक संप्रदाय विशेष के 6 लाख लोगों को वापस बाहर भेजा जाए। साथ ही कवर्धा के भोजली तालाब को मंत्री के कब्जे से मुक्त कराया जाए। विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी कि यदि सरकार ने मांग नहीं मानी तो दशहरा के दिन मंत्री मोहम्मद अकबर का पुतला दहन करेंगे। साथ ही जेल भरो आंदोलन किया जाएगा।