Home घटना ✍ *ग्रामीण कटाई में मस्त और साहब बोल्डर तोड़ाई में व्यस्त*…………….

✍ *ग्रामीण कटाई में मस्त और साहब बोल्डर तोड़ाई में व्यस्त*…………….

*जिनकी सुरक्षा की है जिम्मेदारी उसे ही जमकर लूट रहे अधिकारी*

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*मनेंद्रगढ़/बिहारपुर-* वनमण्डल मनेन्द्रगढ़ के बिहारपुर वनपरिक्षेत्र में इन दिनों अवैध खनन और हरे भरे वृक्षों की कटाई जोरों पर है, अवैध पत्थर की तोड़ाई विभाग द्वारा कराई जा रही है जबकि हरे भरे वृक्षों की कटाई ग्रामीण अपने जरूरत के हिसाब से खुलेआम कर रहे हैं खुलेआम इसलिए कि दर्जनों कटे हुए पेड़ो का दीदार बिहारपुर मार्ग में ग्राम बालशिव से बिहारपुर तक जाते समय सड़क के किनारे ही किया जा सकता है पर रेंजर साहब को ये नहीं दिखता और हमने जब उन्हें रूबरू कराना चाहा तो साहब भड़क गए और कहने लगे कि सब हमारी जिम्मेदारी है क्या गाँव वालों को भी समझना चाहिए कि जंगल हमारा है लेकिन नहीं समझते तो क्या करें,और हमने जब पूछा कि पत्थरों की अवैध तोड़ाई विभाग द्वारा ही कराई जा रही है तो साहब का तेवर सातवें आसमान पर जा पहुंचा और गुस्से में बोले कि आपने वनमंडलाधिकारी को तो अवगत करा ही दिया है न और ये जानकारी सीएफ तक पहुंच चुकी है तब मुझसे क्यों पूछ रहे हो, आपको बता दें कि जहां एक ओर शासन की ओर से नदी नालों में व्यर्थ बह रहे पानी को लंबे समय तक सहेजने हेतु वनविभाग द्वारा नरवा विकास योजना के तहत बोल्डर चेक डैम, गैब्रियन स्ट्रकचर का निर्माण बड़ी तादाद में कराया जा रहा है और इसके लिए आवश्यक सामग्री बोल्डर की आपूर्ति विभाग द्वारा स्वंय मजदूरों से तोड़वा कर की जा रही है।
*शासकीय भवन में खड़ी रखते हैं प्रेस लिखी बोलेरो–* साहब ने अपने जलवे में चार चाँद लगाते हुए प्रेस लिखी बोलेरो वाहन शासकीय भवन में रखी हुई है और जब भी कोई इनसे सवाल करे पहले अपने पुत्र की कहानी जरूर सुनाते हैं और अब तो साहब ये भी कहने लगे हैं कि दिसम्बर से हमारा भी लड़का यहाँ पेपर डाल देगा अब सवाल यह है कि दिसम्बर से ही क्यों तो जवाब है कि साहब दिसम्बर तक रिटायर होने वाले हैं और इसके बाद शायद रिपोर्टर बनेंगे।
*डीएफओ साहब भी बने हैं जानबूझकर बेखबर–*  आपको बता दें साहब के काले कारनामों की जानकारी वशिष्ठ टाइम्स संवाददाता द्वारा डीएफओ साहब को दी गई और उनसे उनकी प्रतिक्रिया हेतु समय मांगा गया तो न साहब ने समय दिया और न ही आज तक कोई कार्यवाही की उल्टे रेंजर साहब कह रहे हैं कि उन्ही से पूछो इन सब से तो एक ही मतलब सामने निकल कर आता है कि बड़े साहब की भी मौन स्वीकृति शामिल है तभी तो रेंजर साहब खुलेआम धड़ल्ले से गिट्टी/पत्थर की खदान खोल कर अपनी और अपने सरदारों की जेब भरने में पूरी शिद्दत से जुटे हैं।

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