रायपुर। कवर्धा में विवाद में भाजपा के प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल अनुसुईया उइके से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल ने कवर्धा में ध्वज विवाद के बाद उपजी परिस्थितियों और हिन्दुओं के साथ हो रहे अत्याचार को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की । राज्यपाल से मुलाकात के बाद पत्रकारों से चर्चा में डा. रमन सिंह ने कहा कि कवर्धा में परिस्थितियां बेहतर हो सकती थी, पर जिम्मेदार लोगों ने इस मामले में उचित कदम नहीं उठाया।
इसके कारण घटना को विस्तार मिला और जिम्मेदार लोगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होने से आक्रोश बढ़ता गया। इस घटना में निर्दोषों के साथ हुई कार्रवाई से पूरे कवर्धा के साथ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि प्रशासन पर्दा डालने का काम कर रही है, जिसके चलते जनाक्रोश बढ़ा है। जो कार्रवाई एकतरफा हुई है, उससे हिन्दू समाज में नाराजगी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निर्दोषों की रिहाई के लिए तत्काल फैसला लिया जाना चाहिए।
राजनांदगांव सांसद संतोष पांडेय ने कहा कि कई वर्षों से कवर्धा में एक वर्ग विशेष के द्वारा वातावरण को बिगाड़ने की कोशिश की जा रही थी और उन्हें प्रशासन का मौन समर्थन भी मिल रहा था। कवर्धा हिन्दू धर्म गुरुओं के लिए एक पवित्र स्थान है। कुछ विघ्न संतोषी तत्व वातावरण को बिगड़ना चाहते है, जिनको किनका समर्थन है, वह सब जानते हैं। यहां की सामाजिक समरसता, सौहार्द्रता को मजबूत बनाने के लिए हिंदू समाज हमेशा एकजुटता से कार्य करता रहा है।
पूर्व सांसद अभिषेक सिंह ने कहा कि कवर्धा एक शांति के टापू के रूप में जाना जाता है। इसे कौन अशांत बना रहा है और इसके लिए कौन जिम्मेदार हैं, वे लोग सबके सामने हैं। क्षेत्र के ऐसे जनप्रतिनिधियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, जो वातावरण को बेहतर बनाने में जुटे हुए हैं। भाजपा प्रदेश मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि समूचा समाज मौनता के साथ कवर्धा में शांति के लिए जुटा हुआ है, लेकिन कांग्रेस के दबाव में प्रशासन, स्थानीय विधायक और मंत्री के आगे नतमस्तक है।