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✍ बिहान योजना ने दिखाई स्वावलंबन की राह, जय माँ अंबे स्व सहायता समूह की महिलाएं मछली पालन को आजीविका के आधार के रूप में कर रही हैं विकसित……

बिहान के तहत प्राप्त आजीविका से मछली पालन का कार्य

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कोरिया 13 अप्रैल 2021/ कोरिया जिले के विकासखंड मुख्यालय भरतपुर के ग्राम बरौता में संचालित जय माँ अंबे स्व सहायता समूह की महिलाएं राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) बिहान के तहत प्राप्त आजीविका से मछली पालन का कार्य कर रही है और अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए कृषि के अलावा मछली पालन को आजीविका के आधार के रूप मे विकसित कर रही है। जय माँ अंबे स्व सहायता समूह में 10 महिलाएं है। यह स्व सहायता समूह बिहान योजना द्वारा संचालित है जिसका गठन दिनांक 01.08.2018 को करके क्षमता वर्धन कार्य विकासखंड मिशन प्रबंधन इकाई के कुशल स्टाफ एवं केडर के द्वारा किया गया है।  


जय माँ अंबे स्व सहायता समूह के सभी सदस्यों की प्रमुख आजीविका कृषि है जिसमें वे अपना जीवन निर्वाह किया करते थे। बिहान योजना से जुडने के उपरांत वे अपने लिए आजीविका का एक और स्त्रोत प्रारम्भ करना चाहते थे, जिसके लिए उन्हांेने समूह में सीआईएफ की राशि से मछली पालन का कार्य प्रारम्भ किया। समूह की इस गतिविधि को प्रोत्साहन देते हुए ग्राम पंचायत बरौता द्वारा समूह को दस वर्षों के लिए मछली पालन हेतु तालाब आबंटित किया गया। वर्तमान मे समूह द्वारा सफलता पूर्वक गतिविधि का संचालन किया जा रहा है, साथ ही साथ ग्राम स्तर एवं विकासखण्ड स्तर में छोटे व्यापारियों को मछली उत्पादन कर विक्रय किया जाता है। अब तक समूह ने 6270 किलो मछली का उत्पादन किया है। जिसका विक्रय कर रु. 940500 प्राप्त कर चुके है इसमें शुद्ध लाभ राशि रु. 654000 प्राप्त हुई है तथा प्रति सदस्य राशि रु. 65400 प्राप्त कर चुके है। इस प्रकार मछली पालन को समूह के सदस्यों द्वारा अपने आजीविका का आधार बनाया गया है।
समूह के गठन के बाद से ही महिलाएँ अपने आर्थिक विकास के लिए कुछ न कुछ आजीविका गतिविधि करना चाहती थी इसलिए वे समूह के 11 सूत्रों का नियमतः पालन करते हुए सीआईएफ की राशि निश्चित समय में प्राप्त कर ली, और सीआईएफ की राशि रु. 60000 से मछली पालन का कार्य प्रारम्भ किया।  अब ग्राम व विकासखण्ड स्तर में व्यापारियों को मछली विक्रय किया जाता है और मछली बीज व अन्य सामग्री क्रय कर व्यवस्थित रूप से संधारित किया जाता है इसके अलावा प्राप्त लाभ राशि भी समूह के सभी सदस्यों में समय समय पर बाँट ली जाती है।
उल्लेखनीय है कि बिहान छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों मंे निवासरत महिलाओं एवं युवतियों को एसडबल्यू सहायता समूह के रूप मे गठित कर उन्हंे प्रेरित कर स्व रोजगार से जोड़े जाने की अति महत्वाकांक्षी योजना है। आज छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (एनआरएलएम) की महिलाएं स्व सहायता समूह से जुड़ कर सफलता की नयी कहानियां लिख रही है तथा अपने सपने को पंख देकर नयी उड़ान के लिए तैयार है। तीनों स्तर की पंचायतों एवं एनआरएलएम बिहान टीम की सहायता से इन महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे है।

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