बिलासपुर। बलरामपुर जिले के सीमावर्ती ग्राम देवरी व मदगुरी से मवेशियों को झारखंड के बूचड़खाने ले जा रहे दो तस्करों को ग्रामीणों ने पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। तीसरा मवेशी तस्कर भाग निकला। आरोपितों के कब्जे से सात नग मवेशी भी बरामद किया गया है। मवेशी तस्करों द्वारा ग्रामीणों को प्रलोभन दिया जा रहा था। रुपये लेकर मवेशी ले जाने का आग्रह कर रहे थे, लेकिन ग्रामीणों ने दोनों को पकड़ पुलिस के हवाले कर दिया। कोरन्धा पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर लिया है।
बलरामपुर जिले के देवरी और मदगुरी के बीच नदी के रास्ते दिनदहाड़े मवेशियों को झारखंड के बूचड़खाना ले जाने की सूचना पर गांव वाले वहां जमा हो गए थे। पूर्व में भी उस रास्ते से मवेशी तस्करी किए जाने से गांव वाले नाराज थे। ग्रामीणों ने मवेशी ले जाने को लेकर पूछताछ की करने लगे तो तीनों भागने लगे। जवाहरनगर निवासी खैराती व मुजीबुल्लाह नामक व्यक्ति को पकड़ लिया गया। इन दोनों का सहयोगी शिवलाल भाग गया।
आरोप है कि ग्रामीणों की पकड़ में आए मवेशी तस्कर मुजिबुल्लाह ग्रामीणों को रुपयों का लालच देने लगा। उसकी मंशा थी कि गांव वाले उन्हें मवेशी के साथ जाने दे, लेकिन गांव वालों ने उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया। कोरोंधा पुलिस ने दोनों आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया है। बलरामपुर जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों से मवेशी तस्करी लंबे समय से की जाती है।
कोरंधा और चांदो थाना क्षेत्र के अलावा रामचंद्रपुर, त्रिकुंडा इलाके से भी मवेशियों को झारखंड ले जाया जाता है। अब ग्रामीण भी मवेशी तस्करी के खिलाफ खुलकर सामने आने लगे हैं। वाड्रफनगर- रघुनाथनगर क्षेत्र से भी लंबे समय से मवेशियों को जंगल के रास्ते झारखंड के बूचड़खाने ले जाने की शिकायत सामने आती रही है। मवेशी तस्करी के चक्कर में पूर्व के वर्षों में बलरामपुर जिले में हत्या भी हो चुकी है। कुछ महीनों से यह अवैध कारोबार बंद था। नए सिरे से मवेशी तस्करी फिर से शुरू हो चुकी है। पुलिस की ओर से प्रभावी कार्यवाही नहीं किए जाने का परिणाम है कि अब गांव वाले मवेशी तस्करी रोकने सामने आने लगे हैं।