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✍ छठ पूजा समितियों ने घाट पर चाय व नाश्ते के बजाए मास्क के स्टाल लगाने का निर्णय लिया ……….

चार दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान की शुरुआत बुधवार से हो रही

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रायपुर। दिवाली के पहले से छठ पूजा को लेकर बनी असमंजस की स्थिति पर सोमवार को विराम लग गया। दुर्ग जिला प्रशासन ने भिलाई में प्रशासन ने कोरोना संक्रमण को रोकने किए जाने वाले उपायों का पालन करते हुए तालाबों पर छठ करने की अनुमति दे दी है। इसके साथ ही स्थानीय छठ पूजा समितियों को निर्देशित किया है कि वे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए आवश्यक व्यवस्था करें। इस पर अब छठ पूजा समितियों ने घाट पर चाय व नाश्ते के बजाए मास्क के स्टाल लगाने का निर्णय लिया है। साथ ही डीजे को प्रतिबंधित करने की मांग की है। ताकी अकारण भीड़ न हो।

बता दें कि बुधवार से छठ महापर्व की शुरुआत हो रही है। बुधवार को नहायखाय और गुरुवार को खरना के बाद शुक्रवार व शनिवार को घाटों पर जाकर अर्घ्य दिया जाएगा। दिवाली के पहले प्रशासन ने छठ पूजा समितियों के पदाधिकारियों की बैठक लेकर अपील की थी कि इस बार घाट के बजाए घरों पर ही छठ पूजा की जाए। लोग अपने आंगन या छत पर कुंड बनाकर पूजन करें, लेकिन इसका चौतरफा विरोध शुरू हो गया। छठ पूजा समितियों के अलावा राजनीतिक दलों ने भी प्रशासन से घाट पर ही छठ पूजा करने की अनुमति देने की मांग की। जिस पर प्रशासन ने घाट पर पूजा करने की अनुमति जारी है। यहां गौर करने वाली बात यह है कि शहर के सभी छठ घाटों पर उतनी वेदियां नहीं हैं, जितनी भीड़ होती है। एक घाट पर अधिकतम 200 स्थाई वेदिया हैं और स्थाई की तीन गुना अस्थाई वेदियों का निर्माण होता है, लेकिन भीड़ उससे कई गुणा ज्यादा होती है। कुछ उपाय कर के घाटों पर पहुंचने वाली भीड़ को नियंत्रित करने का प्रयास किया जा रहा है।

चार दिनों तक चलने वाले अनुष्ठान की शुरुआत बुधवार से हो रही है। व्रत करने वाले उपासक बुधवार को नहायखाय का विधान करेंगे। सुबह स्नान के बाद लौकी और भात खाकर अनुष्ठान का संकल्प लेंगे। इसके बाद गुरुवार को खरना होगा। गुरुवार को दिन भर के उपवास के बाद शाम को खीर और रोटी का प्रसाद ग्रहण करेंगे। इसके बाद गुरुवार की रात से शनिवार की सुबह तक निर्जला व्रत रखेंगे। शुक्रवार की शाम और शनिवार की सुबह भगवान सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रत का समापन करेंगे।

हर साल घाटों पर शाम व सुबह को चाय व नाश्ते के स्टाल लगाए जाते हैं। इस बार चाय व नाश्ते के स्टाल के बजाए मास्क का स्टाल लगाया जा रहा है।घाटों पर कई जगह डीजे लगाए जाते हैं और वहां पर नाचने-गाने वालों की भारी भीड़ होती है। इसलिए इस बार प्रशासन घाटों पर डीजे लगाने की अनुमति न दे। समितियां भी पुलिस को इस संबंध में आवेदन देने वाली है।

 संक्रमण को देखते हुए छठ करने वाले और उनके परिवार के लोग को ही घाट पर पहुंचे। बुजुर्गों को घाट न पर लाने और घाट से लौटने के बाद तुरंत नहाने की अपील की जा रही है। ताकी संक्रमण का खतरा कम हो। घाटों पर व्रत करने वालों से ज्यादा घूमने के लिए पहुंचने वाले लोगों की संख्या ज्यादा होती है। इसलिए इस बार घूमने जाने वालों से अपील की जा रही है कि वे घाट पर न जाएं। सिर्फ पूजा करने वाले लोग ही जाएं। इससे भीड़ कम होगी तो शारीरिक दूरी बनाए रखने में सहूलियत होगी।

हम लोगों से अपील कर रहे हैं कि वे मास्क लगाकर ही घाट पर आएं। बुजुर्गों को इस बार घाट पर न लाएं। समिति द्वारा मास्क की व्यवस्था की जा रही है। अपील की जा रही है कि सिर्फ छठ करने वाले ही घाट पर पहुंचे। घूमने वाले न आएं। घाट पर इस बार चाय के स्टाल के नहीं, मास्क के स्टाल लगाए जा रहे हैं। घाट के सामने डीजे बजाए जाने से भी भीड़ होती है। इसलिए पुलिस प्रशासन को आवेदन सौंपकर इस बार डीजे को प्रतिबंधित करने की मांग की जा रही है।

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