रायपुर।पीएचई विभाग प्रमुख अभियंता और एवं मुख्य अभियंता को बर्खास्त करने की मांग को लेकर जोगी छात्र संगठन ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। जिला अध्यक्ष प्रदीप साहू ने जल जीवन मिशन योजना, में अनियिमिताओं को जन्म देने वाले दोषियों पर कार्यवाही करते हुए बर्खास्त करने की मांग की।
छत्तीसगढ़ सरकार की “जीवन मिशन योजना” के अंतर्गत वर्ष 2023 तक राज्य के लगभग 42 लाख परिवारों को पीने के शुद्ध पानी के कनेक्शन दिया जाना था। इसके लिए सरकार ने जल जीवन मिशन योजना के लिए 10 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए हैं। इसमें कुल 1,376 ठेकेदारों को काम मिला था। उक्त टेंडर प्रक्रिया में घोर अनियमितता कर इस योजना में 70 फीसद अर्थात 7,000 करोड़ रुपये का काम बाहरी 10 ठेकेदारों को मैदानी इलाके में और बाकी 10,366 स्थानीय ठेकेदारों को बस्तर क्षेत्र में 7,000 करोड़ रुपये का काम दिया गया था।
इसमें से कुछ कंपनियां काली सूची में हैं जबकि छत्तीसगढ़ में एक से बढ़कर एक योग्य ठेकेदार है। टेंडर का आउटसोर्सिंग का राज्य में यह बहुत बड़ा उदारहण है और 10,376 में से 10 बाहरी कंपनियों को लाभ पहुंचाने वाला ठेका किया गया था।
पीएचई विभाग मुख्य अभियंता अजय साहू कुछ कंपनियों को लाभ पहुचाने के लिए नियमों को तोड़कर बिना वर्क आर्डर एग्रीमेंट के बेमेतरा, रायपुर, धमतरी और अन्य जिलों में करोड़ों रुपये के ठेकेदारों से काम भी करवा चुके हैं, जो कहीं न कहीं भारी अनियमिता को उजागर करता है। इसमें छत्तीसगढ़ में पहली बार पीने की पानी में बड़ी कमीशन खोरी और गड़बड़ी की आशंका है।
सरकार ने टेंडर को अपनी कैबिनट की बैठक में अनियमिता होने के कारण रद्द कर दिया है। मगर, शासन के नियमों को तोड़कर अनियमितताओं को जन्म देते हुए बाहरी ठेकेदारों को कमीशन की आड़ पर लाभ पहुंचाने का काम करने वाले राज्य शासन के पीएचई विभाग प्रमुख अभियंता एमएल अग्रवाल व अन्य अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई करते हुए उन्हें बर्खास्त करने की मांग करते हैं एवं राज्य शासन के पीएचई मंत्री से इस्तीफे की मांग की है।