बिलासपुर। कोरोना का असर चैत्र नवरात्र की तरह शारदीय नवरात्र पर भी मां महामाया मंदिर रतनपुर में देखने को मिलेगा। शारदीय नवरात्र 17 अक्टूबर से शुरू होगा। वहीं सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मंदिर 16 से 28 अक्टूबर तक भक्तों के लिए बंद रहेगा। इससे सीधे तो मां महामाया के दर्शन नहीं हो सकेंगे। लेकिन, आनलाइन के माध्यम से घर बैठे वर्चुअल दर्शन कर सकेंगे।
रतनपुर स्थित मां महामाया मंदिर में शारदीय नवरात्र को लेकर सोमवार को मंदिर ट्रस्ट और जिला प्रशासन की बैठक कलेक्टर डा.सारांश मित्तर की अध्यक्ष्ता में हुई। बैठक में निर्णय लिया गया कि कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए पर्व के दौरान भक्तों का प्रवेश प्रतिबंधित रखा जाएगा। इससे मंदिर के पट भी रखे जाएंगे। इससे भक्तों का मेला नहीं लगेगा। लेकिन, मां की सेवा पूरे विधि-विधान से मंदिर के मुख्य पुजारी की उपस्थिति में होगी। ऐसा दूसरी बार हो रहा है। पहले चैत्र नवरात्र पर मंदिर के पट भक्तों के लिए बंद रहा और सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रमों पर भी विराम लगा गया था।
नवरात्र की सप्तमी तिथि को पदयात्रा की भी परंपरा है। लेकिन, चैत्र नवरात्र की तरह इस बार भी पदयात्रा स्थगित रहेगी। इससे नवरात्र पर मनोकामनाओं की अर्जी लेकर वर्षों से पदयात्रा करने वाले श्रद्घालु पदयात्रा कर मां के दर्शन करने से वंचित रहेंगे।
मंदिर के प्रमुख ट्रस्टी सुनील सोंथलिया ने बताया कि मां के दर्शन के लिए मंदिर की एक वेबसाइट बनाई जाएगी। इसके माध्यम से भक्तों को दर्शन मिलेगा। साथ ही फेसबुक समेत अन्य सोशल माध्यमों में भी आरती और पूजन के वीडियो के माध्यम से भक्तों को आनलाइन मां का दर्शन लाभ मिल सकेगा।
मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। चैत्र नवरात्र में जिन भक्तों की रसीद कट चुकी थी, उनके नाम से और शारदीय नवरात्र के लिए रसीद कटवाने वाले भक्तों की मनोकामना ज्योति कलश प्रज्जवलित किए जाएंगे। वहीं दीप के दर्शन वीडियो काल के माध्यम से किया जाएगा। इसके लिए मंदिर की ओर से तीन से चार मोबाइल नंबर भक्तों के लिए जारी किए जाएंगे।
मंदिर में वीआइपी दर्शन की व्यवस्था रहती है और बड़ी संख्या में वीआइपी मां के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचते हैं और इससे मंदिर के गर्भगृह में भीड़ रहती है। इसे देखते हुए आम श्रद्घालुओं के साथ ही वीआइपी दर्शन भी पूर्ण रूप से बंद रहेगा।
मंदिर में भंडारा भी नहीं लगेगा और कूपन भंडारा भी बंद रहेगा। मंदिर के पट बंद रहने और भक्तों के नहीं पहुंचने की स्थिति में यह निर्णय लिया गया है।
पर्व के दौरान मंदिर के आसपास अस्थाई मेला भी लगता था। इसमें पूजन सामग्री समेत अन्य सामग्रियां मिलती थीं। इसमें मां के दर्शन करने आने वाले भक्त भी मां की याद के रूप में खरीदारी करते थे। लेकिन, अस्थाई मेला भी इस बार नहीं लगेगा।