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✍ गांधीजी के जीवन चरित्र को रेखांकित करते चित्र इस कला प्रदर्शनी में कलाकारों द्वारा प्रेषित ….

इस अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का विषय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आजादी के दीवाने, गांधी जी और उनके तीन बंदर, स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की भूमिका

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रायपुर। राजधानी रायपुर स्थित आर्ट गैलरी महाकौशल कला परिषद द्वारा देश के प्रतिष्ठित, युवा तथा बाल कलाकारों की 51 वीं महाकोशल अखिल भारतीय रेखांकन कला प्रदर्शनी- 2020 का आज उद्घाटन किया गया। गांधी जयंती के मौके पर आयोजित इस प्रदर्शनी में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन पर आधारित चित्रों को विषय के रूप में रखा गया है। इस ऑनलाइन प्रदर्शनी का उद्घाटन अंध श्रद्धा निर्मूलन समिति के अध्यक्ष डॉ दिनेश मिश्र ने किया। प्रदर्शनी का अवलोकन महाकोषल कला परिषद और महाकोशल कला विथिका के फेसबुक पर ऑनलाइन किया जा सकता है।

यह कला प्रदर्शनी जेसीआई रायपुर संस्कार, पर्यावरण ग्रीन सोसायटी, फोटोग्राफी सोसायटी, शासकीय नागार्जुन स्नातकोत्तर विज्ञान महाविद्यालय, रायपुर, लायंस क्लब रायपुर फैंडस, रोटरी क्लब रायपुर ईस्ट व महाकौशल कला परिषद के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित की जा रही है। इस अखिल भारतीय कला प्रदर्शनी का विषय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और आजादी के दीवाने, गांधी जी और उनके तीन बंदर, स्वतंत्रता संग्राम में गांधी की भूमिका, वर्तमान समय में महात्मा गांधी की प्रासंगिकता, गांधीजी और उनका सेवा कर्म, गांधी जी की दांडी यात्रा, उनका पालतू पशुओं से वात्सल्य, गांधी जी और उनका चरखा।

गांधी जी की छत्तीसगढ यात्रा, गांधी- नेहरू संवाद, विनोबा भावे- गांधी संवाद, गांधी की जेल यात्रा, गांधी का स्वच्छता अभियान, गांधी का बकरियों से वात्सलय, गांधी की दांडी यात्रा, गांधी का स्वतंत्रता संग्राम, गांधी और लौहपुरूष का संवाद, गांधी एवं बाल प्रेम, बीमार विनोबा जी से वार्तालाप करते गांधी, सुभाष चंद्र बोस एवं गांधी संवाद, लाला लाजपतराय एवं गांधी जी की मंत्रणा, जेल में गांधी का साहित्य सृजन, आदि अनेक गांधीजी के जीवन चरित्र को रेखांकित करते चित्र इस कला प्रदर्शनी में कलाकारों द्वारा प्रेषित किए गए हैं, जो प्रदर्शित किए जा रहे हैं।

इस कला प्रदर्शनी में देश के 50 युवा एवं बाल छायाकारों की श्वेत श्याम एवं रंगीन रेखांकन रचनाएं प्रदर्शित की गई हैं। जल रंग, तेल रंग, पेस्टल, ऐक्रेलिक कलर, स्याही, चारकोल, पेंसिल, मिश्रीत माध्यम से निर्मित रचनाएं देश के कलाकारों ने प्रेषित की और गठित निर्णायक समिति ने इनका चयन प्रदर्शन हेतु किया।

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