रायपुर। इस साल जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जाएगी। जबकि 11 अगस्त को ही अष्टमी तिथि लग जाएगी। इसके पीछे एक कारण यह है कि हिंदू धर्म में पूरा दिन वो तिथि मानी जाती है, जिस तिथि में सूर्योदय होता है यानी अगर सूर्योदय 5:30 बजे हुआ और उस समय द्वितीया तिथि चल रही है, तो पूरा दिन द्वितीया तिथि ही मानी जाएगी। चाहे 7 बजे से तृतीया तिथि क्यों न लग जाए। लेकिन वह पूरा दिन द्वितीया तिथि ही मानी जाएगी।
ऐसे ही 11 अगस्त मंगलवार को सुबह 09:06 मिनट से अष्टमी तिथि शुरू होगी। जो कि 12 अगस्त, बुधवार को सुबह 11:16 मिनट तक चलेगी। ऐसे में अष्टमी तिथि का सूर्योदय 12 अगस्त को हो रहा है। इसलिए जन्माष्टमी 12 अगस्त को ही मनाई जाएगी तथा व्रत जागरण भी इस दिन ही श्रेष्ठ माना जाएगा। साथ ही आपको यह भी बता दें कि मथुरा, वृंदावन और द्वारका में भी 12 अगस्त को ही श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
खरोरा। खरोरा के ज्योतिषाचार्य पंडित धनंजय शर्मा के अनुसार 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ और श्रेयस्कर है। मथुरा और द्वारिका में 12 अगस्त को जन्म उत्सव मनाया जाएगा। जबकि जगन्नााथपुरी काशी और उज्जैन में 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। पुराणों के अनुसार जन्माष्टमी का त्योहार भाद्रपद माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाता है। कई बार ग्रहों की चाल के चलते यह तिथि और रोहिणी नक्षत्र एक साथ नहीं हो पाते हैं।
जन्माष्टमी के दिन कृतिका नक्षत्र रहेगा इसके अलावा इस दिन चंद्रमा मेष राशि में और सूर्य कर्क राशि में रहेगा जिसके कारण वृद्घि योग भी रहेगा। 11 अगस्त को सूर्योदय के बाद अष्टमी तिथि दिन 9ः27 से प्रारंभ हो रही है अतः वैष्णव और गृहस्थ लोगों को उदया तिथि ग्रहण करनी चाहिए। अतः 12 अगस्त को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि होने के कारण वैष्णव और गृहस्थ को 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाना श्रेष्ठ है।