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✍ गुना शहर के जगनपुर में किसान परिवार पर पुलिस की बर्बरता अधिकारियों को हटाया……

कब्जा हटाने के लिए बेदखली की कार्रवाई के दौरान 14 जुलाई को पुलिस बल की उपस्थिति में सीमांकन कराया तथा बेदखली की

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गुना ।मध्यप्रदेश के गुना शहर के जगनपुर में आदर्श कॉलेज के लिए स्वीकृत जमीन से मंगलवार को कब्जा हटाने के दौरान दंपती के कीटनाशक पीने और इनके स्वजनों पर पुलिस के लाठीचार्ज का मामला बुधवार को तूल पकड़ गया। ट्विटर पर एमपी कांग्रेस की ओर से मासूम बच्चों के बिलखते हुए फोटो के साथ इसे जंगलराज की लज्जित तस्वीर बताया गया। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और कमलनाथ ने भी मामले में सवाल खड़े किए हैं। वहीं राज्यसभा सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मुख्यमंत्री से दोषियों पर कड़ी कार्रवाई का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उच्च स्तरीय जांच के निर्देश दिए हैं।

पुलिस की बर्बर कार्रवाई को गंभीरता से लेते हुए राज्य शासन ने देर रात ग्वालियर रेंज के आइजी राजाबाबू सिंह, गुना के कलेक्टर एस. विश्वनाथन और पुलिस अधीक्षक तरुण नायक को तत्काल प्रभाव से हटा दिया। आइजी पुलिस मुख्यालय में पदस्थ अविनाश शर्मा को ग्वालियर रेंज का नया आइजी व 26 वीं वाहिनी गुना के सेनानी राजेश कुमार सिंह को नया एसपी बनाया गया है।

गुना के कलेक्टर ने बताया कि नवीन आदर्श महाविद्यालय के लिए ग्राम जगनपुर स्थित भूमि सर्वे नं. 13/1 व 13/4 रकवा कमश 2.090 व 2.090 आरक्षित की गई थी। तहसीलदार ने अतिक्रामक गब्बू पारदी पुत्र गाल्या पारदी, कथित बटाईदार राजकुमार अहिरवार पुत्र मांगीलाल का कब्जा हटाने के लिए बेदखली की कार्रवाई के दौरान 14 जुलाई को पुलिस बल की उपस्थिति में सीमांकन कराया तथा बेदखली की गई।

जब कार्रवाई चल रही थी, उसी समय राजकुमार अहिरवार व उसकी पत्नी सावित्रीबाई ने कीटनाशक पी लिया। अतिक्रामक अस्पताल जाने से इन्कार कर रहे थे। मुख्य अतिक्रामक गब्बू पारदी की ओर से राजकुमार व सावित्री बाई के अतिरिक्त अन्य लोगों को भी, जिनमें बच्चे भी शामिल हो सकते थे कीटनाशक पीने के लिए उकसाया जा रहा था तथा अस्पताल ले जाने से इन्कार किया जा रहा था। इससे जन हानि की संभावना बन रही थी ऐसे में कानून और व्यवस्था की गंभीर स्थिति व जनहानि रोकने के उद्देश्य से सख्ती से स्थल से हटाया गया। वर्तमान में राजकुमार व सावित्री बाई की स्थिति में अपेक्षाकृत सुधार हुआ है।

इस मामले में पटवारी शिवशंकर ओझा ने कैंट थाने में संबंधितों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा समेत अन्य धारा में मामला दर्ज कराया है। इसमें रामकुमार, शिशुपाल अहिरवार, सावित्री बाई समेत पांच-सात अज्ञात लोग आरोपित बनाए गए हैं।

मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घटना की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को विस्तार से जांच करने को कहा है। देर रात एसपी और कलेक्‍टर को हटाने के आदेश हो गए।

प्रदेश के गृह मंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि घटना का वीडियो देखकर व्यथित हूं। इस तरह की दुर्भाग्यपूर्ण घटनाओं से बचा जाना चाहिए। मामले में जो भी दोषी पाया जाएगा। उस पर कार्रवाई की जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने अजा वर्ग के किसान परिवार पर पुलिस कार्रवाई को बर्बर बताया और कहा कि क्या सरकार ऐसी कार्रवाई रसूखदार व तथाकथित जनसेवकों के खिलाफ भी करेगी। कमल नाथ ने कहा कि शिवराज सरकार प्रदेश को कहां ले जा रही है। ये कैसा जंगलराज है। किसान परिवार का जमीन संबंधी शासकीय विवाद था जिसे कानूनन हल किया जा सकता है लेकिन कानून हाथ में लेकर परिवार को पीटा गया।

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