Home छत्तीसगढ़ ✍ मनेन्द्रगढ़ के लोग अखबारों में नाम फोटो छपवाने में माहिर……..

✍ मनेन्द्रगढ़ के लोग अखबारों में नाम फोटो छपवाने में माहिर……..

विधायकों सांसदों स्थानीय जनप्रतिनिधियों सब केवल अपनी फोटो छपवा लेते हैं

संतोष जैन मनेन्द्रगढ़…..

मनेंद्रगढ़ : स्थानीय अखबारों में अपनी फोटो छपवा ना एवं अपनी समस्याओं को पढ़कर कुछ समय तक क्षणिक रूप से खुश रहना ना मनेंद्रगढ़ वालों की आदत सी हो गई है प्रमुख राजनीतिक दल चाहे कांग्रेस हो या बीजेपी आम जन समस्याओं से इनका दूर-दूर तक का कोई भी वास्ता नजर नहीं आता जिला पुनर्गठन आयोग ने पश्चिम सरगुजा जिले का मुख्यालय चिरमिरी और मनेंद्रगढ़ के मध्य स्थित करने की अनुशंसा की थी परंतु जिला बैकुंठपुर बना अंबिकापुर से जो रेल लाइन दुर्ग जाती है उसे नागपुर स्टेशन के रूप में आया मनगढ़ चलाने की सन्यास मोदी जी के कार्यकाल में हुआ उसमें शर्त रखी गई 50 प्रतिशत राशि रेलवे मंत्रालय एवं 50 वर्ष निवासी छत्तीसगढ़ शासन देगा आज तक छत्तीसगढ़ की राशि का भूमि अधिग्रहण का दूर दूर दूर दूर तक कोई पता नहीं है कभी कांग्रेस ने श्रीप्रकाश जयसवाल कोयला मंत्री ने घोषणा की थी कि मनरेगा में बड़ी कॉलेज बनेगा उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी परंतु आज तक मेडिकल कॉलेज को वह जमीन आवंटित नहीं की गई परस्पर एक दूसरे पर दोषारोपण करके किसी भी तरह का कार्य विकास कार्य नहीं किया जा रहा है भारतीय जनता पार्टी के कार्यकाल में कहा गया था कि पावर प्लांट लगाए जाएंगे परंतु पानी की कमी के कारण वह प्लांट मूर्त रूप नहीं ले पाए अभी उन्हें मेडिकल कॉलेज के नाम पर बहुत सारे लोगों ने विधायकों सांसदों स्थानीय जनप्रतिनिधियों सब केवल अपनी फोटो छपवा लेते हैं एक-दो दिन स्थानीय अखबारों में एक टीवी में आकर इतिश्री समझ लेते हैं ना कहीं ना कहीं ब्लड बैंक है हां कांग्रेस और भाजपा जब भी विकास की बात करते हैं तो इसका क्रियान्वयन का दायित्व साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड लिमिटेड के कंधों पर डाल देते हैं एक स्वयंसेवी संस्था द्वारा ब्लड बैंक की स्थापना हेतु प्रयास किया गया और सारा का सारा के डाल दिया गया निर्माण और मशीनों की खरीद में बहुत गहरी रुचि रखता है मशीनें भी आते हैं एवं भवन भी तैयार हैं परंतु शक्ति कहां से आएगी कोरिया जिले के संवेदनशील जिलाधीश महोदय राठौर साहब जोकि गढ़वा में निवास करते थे इनका एक अलग होती है परंतु ढाक के तीन पात हो रहा है कब पारित करेगा कहीं कुछ अता पता ही नहीं चल पा रहा है 40 वर्ष पूर्व गृह निर्माण समितियों का गठन हुआ बड़े बड़े लोग हो गए न कहीं ना कहीं सुविधाएं मिली कई लोग बड़ी-बड़ी कालोनियों की कल्पना करते करते इस लोक से दूसरे लोग चले गए परंतु कहीं अता पता ही नहीं है यहां पर रहते हैं स्थानीय आसपास के ग्रामीण अंचल में है ना तो यहां की कोई लोक संस्कृति है ना कोई है ना कोई पहचान है एक शतक और निवास कर रहे हैं नहीं है सभी अपने आकाओं को खुश करने के लिए आते हैं विरोधी दल के नेता हैं एक उदाहरण बताता हूं महेंद्र नगर पालिका क्षेत्र के लगभग 1000 व्यक्ति राशन कार्ड बनवाने के लिए पिछले 10 माह से 10 माह से लगातार नगरपालिका का चक्कर लगा रहे हैं परंतु उनका राशन कार्ड नहीं बन पा रहा स्थानीय पार्षद चाहते राशन कार्ड बन जाए नगर पालिका अध्यक्ष विनती राशन कार्ड बन जाए सब की जानकारी में है विकास बोलता है का मौका मिलता है डाल देते हैं काम नहीं करने दिया आखिर कब तक कब तक ?

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