धमतरी। जिला मुख्यालय धमतरी से 12 किलोमीटर दूर मथुराडीह के ईंट भट्ठा में दो मजदूर जिंदा जल गए। परिजनों के अनुसार गांव के बाहर ईंट भट्ठा में ईंट पकाने के लिए आग लगाई थी। देर शाम बारिश होने से ईंट भटठा को तिरपाल से ढंकने दोनों श्रमिक गए थे। अनुमान लगाया जा रहा है कि ईट भटठे पर चढ़कर तिरपाल ढंक रहे होंगे, इस दौरान धुआं उठने से वे बेहोश हो गए और रातभर ऐसे ही पड़े रहे। सुबह ढूंढते हुए परिजन पहुंचे तब तक मौत हो गई थी। ग्रामीणों का कहना है कि मजदूर नशे की हालत में ईट भट्ठा की ओर गए थे।
पुलिस के अनुसार मृतकों में रघुनाथ गोड़ निवासी तेन्दुकोना और दिलीप चक्रधारी निवासी मथुराडीह ईट भट्टे में काम करते थे। कच्चे ईंट को पकाने के लिये भट्ठा में आग लगाई गई थी। 11 जून की रात में बारिश होने पर ईट भट्टे की आग बुझ जाने का खतरा मंडराने लगा। इससे वहां काम करने वाले दोनों मजदूर बारिश से ईंट की भटठी को बचाने के लिए तिरपाल ढकने गए थे। इसी दौरान ईट भट्ठे में हादसा हो गया। दोनों ईंट भट्ठा के नीचे गिर गये और वहीं फंस गए। रात भर फंसे रहे। दोनों की ईंटभट्ठी की आग में जलने से मौत हो गई।
रातभर उनके परिजन लौटने का इंतजार करते रहे। लेकिन दोनों घर वापस नहीं पहुंचे। दूसरे दिन 12 जून शुक्रवार की सुबह परिजन जब ईट भट्टा पहुंचे, तब दोनों की लाश भट्टे में फंसी मिली। हादसे को लेकर लोग तरह-तरह की चर्चा कर रहे हैं और अनुमान लगा रहे हैं। ग्रामीणों में यह भी चर्चा है कि रात में दोनों तिरपाल ढंकने के बाद भट्ठा के उपर सो गये थे। नींद में नीचे गिर गए होंगे, जलने से दोनों की मौत हो गई।