बैकुन्ठपुर : ✍ पत्रकार समाज का चाौथा स्तंभ होता है जिसको नए पीढी के पत्रकारों ने झूठ और बेईमानी में तब्दील कर दिया है जो ईमानदार व स्वच्छ छवि वालेे पत्रकारों को पुलिस विभाग द्वारा उनकी इज्जत पर हावी हो रही है जबकि कोई एफ आई आर करने से पहले श्रीमान आई जी से परमीशन लेना पडता है राजपतित अधिकारी उसकी जांच करता है एवं पत्रकारांे की राज्यस्तर की सम्मति बनी हुई है उसके बाद में पत्रकार के खिलाफ जब एफ आई आर होती है तब पत्रकार ही पत्रकार के खिलाफ झूठी जानकारी देते है इसी कडी को लेकर वशिष्ठ टाइम्स के संपादक पत्रकार के विरूद्ध कोरोना का फुटेज बताकर पत्रकारो ने व कुछ कांग्रेसियों ने पुलिस विभाग पर दवाब बनाकर रखा है जबकि 27 -05 -2020 से संपादक अपने घर से कही नही आते जाते घर पर ही रहते है नए पीढी के पत्रकार संपादक के पूर्व की फुटेज को निकाल निकालकर नए समय में तब्दील कर रहे है। क्योकि संस्कार की परिभाषा नही जानते जबकि सरगुजा संभाग में इतनी उम्र के संपादक की गलत जानकारी देना उचित है ? जबकि नए पीढी के पत्रकार पत्रकारिता के नाम पर लाखो रूपए अर्जित किए हुए है कुछ नई पीढी के पत्रकार लोग संपादक के संबध में पुलिस अधीक्षक को भ्रमित व झूठी जानकारियां दे रहे है पूर्व में ही पुलिस अधीक्षक को भी मौखिक रूप से संपादक द्वारा बताया जा चुका है कि सभी पत्रकार मेरे आलोचक है इस संबध में संपादक ने श्रीमान आई जी से मोबाइल द्वारा संपर्क साधा ़और संपादक द्वारा कहा गया कि सच्चाई की जांच की जाए और कलेक्टर को जो काॅपी लिखित रूप से भेजी गई उसकी भी एक काॅपीें श्रीमान आई जी साहब को भेज दी गई है किसी भी पत्रकार के उपर नियम के विरूद्ध झूठी एफ आई आर दर्ज नही की जा सकती यह लोकतंत्र की हत्या है। अब समाज का चाौथा स्तंभ कहां रह गया ? चाौथे स्तंभ की धज्जियां उडाई जा रही है ।
✍ पुलिस द्वारा पत्रकारों पर झूठे मामले दर्ज किए जा रहे है……….
कोरोना का फुटेज बताकर पत्रकारो ने व कुछ कांग्रेसियों ने पुलिस विभाग पर दवाब बनाकर रखा है