Home छत्तीसगढ़ आदिवासियों की शिकायत पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने से किया इन्कार…

आदिवासियों की शिकायत पर पुलिस ने एफआइआर दर्ज करने से किया इन्कार…

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जगदलपुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर स्थित सारकेगुड़ा नरसंहार मामले में शुक्रवार को बासागुड़ा थाना पहुंचे आदिवासियों की शिकायत पर पुलिस ने जिम्मेदारों पर एफआइआर दर्ज करने से इन्कार कर दिया। इससे भड़के आदिवासी थाने में ही धरने पर बैठ गए। हालात को संभालने के लिए थाना प्रभारी ने दो टूक कह दिया कि जब तक ऊपर से आदेश नहीं आएगा, एफआईआर दर्ज नहीं होगी। यह बात आदिवासियों को नागवार गुजरी। शुक्रवार सुबह नौ बजे से ही कोट्टागुड़ा, राजपेंटा और सारकेगुड़ा के ग्रामीण एकत्र हुए। दोपहर करीब एक बजे चार किमी दूर स्थित बासागुड़ा थाने के लिए कूच किया। करीब 60 ग्रामीण थाने पहुंचे हैं, जिनमें ज्यादातर महिलाएं हैं। दिल्ली से आए मानवाधिकार कार्यकर्ता हिमांशु कुमार भी आदिवासियों के साथ थाने पहुंचे। एफआईआर दर्ज करने को लेकर उनकी एसडीओपी विनोद मिंज से तीखी बहस भी हुई। मिंज ने कहा कि वे आवेदन जरूर लेंगे लेकिन एफआईआर तभी दर्ज करेंगे, जब ऊपर से दिशानिर्देश मिलेगा। यही से बात बिगड़ी और माहौल तनावपूर्ण हो गया। समाचार के लिखे जाने तक आदिवासी थाने में ही डटे हुए थे। उन्होंने साफ कह दिया कि जब तक एफआईआर दर्ज नहीं होगी, वे नहीं हटेंगे। 28 जून 2012 को बीजापुर व बासागुड़ा से निकले कोबरा बटालियन व सीआरपीएफ जवानों ने सारकेगुड़ा गांव में ग्रामीणों पर गोलियां चलाईं जिसमें 17 ग्रामीण मारे गए। मृतकों में आठ स्कूली बच्चे भी शामिल थे। ग्रामीण फर्जी मुठभेड़ की जांच की मांग लेकर मानवाधिकार आयोग तक पहुंचे। तब विपक्ष में रही कांग्रेस ने मुद्दे को आगे बढ़ाया। भाजपा सरकार ने न्यायिक आयोग का गठन किया। आयोग की रिपोर्ट में मुठभेड़ को फर्जी बताया गया है। रिपोर्ट विधानसभा में भी पेश की जा चुकी है।

रायपुर। सारकेगुडा फर्जी एनकाउंटर मामले में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के खिलाफ बासागुड़ा थाने में शिकायत की गई है। इस पर डॉ रमन ने कहा कि इस मसले पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि न्यायिक जांच आयोग की अनुशंसा के आार पर सरकार को कार्रवाई करना चाहिए। डॉ रमन ने कहा कि यह मामला 2012 का है। तब सरकार में रहने हुए हमने ही न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था। न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट आ गई है। आयोग ने जो अनुशंसाएं की हैं, अब सरकार को इन अनुशंसाओं के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए। सारकेगुड़ा फर्जी मुठभेड़ मामले में डॉ रमन सिंह, मुकेश गुप्ता, तत्कालीन बस्तर आइजी लांगकुमेर, एसपी प्रशांत अग्रवाल, टीआइ इब्राहिम खान और कोबरा जवानों के खिलाफ के 17 पीड़ित परिवार और ग्रामीणों ने बासागुड़ा थाने में शिकायत पत्र दिया है।

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