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विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस साल लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के कारण निर्धन कन्या योजना अवरूद्ध रही…

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रायपुर। पिछली भाजपा सरकार ने गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए मुख्यमंत्री निर्धन कन्या योजना की शुरुआत की थी। इस योजना को प्रदेशभर में बेहतर प्रतिसाद मिला था। हर साल कई सौ बेटियों को विवाह के लिए आर्थिक सहायता मिलती थी। पिछले साल भी रायपुर जिले में करीब 417 निर्धन कन्याओं को 15-15 हजार रुपये की मदद की गई थी। इस साल 2019 में अप्रैल माह से शुरू हुए वित्तीय साल को लगभग आठ महीना बीत रहा है, लेकिन शहर में अभी तक एक भी निर्धन कन्या को सहायता नहीं दी जा सकी है। हालांकि विभागीय अधिकारियों का कहना है कि इस साल लोकसभा चुनाव में आचार संहिता के चलते योजना अवरूद्ध रही। अब नगर निगम चुनाव के बाद इस योजना को गति दी जाएगी।

पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने योजना की शुरुआत लगभग 12 साल पहले की थी। निर्धन परिवार की कन्याओं के लिए 15 हजार रुपए सहायता देने का प्रावधान था, जिसे इस साल नए मुख्यमंत्री कांग्रेस के भूपेश बघेल ने बढ़ाकर 25 हजार रुपए कर दिया है। अब जिस भी निर्धन कन्या का विवाह होगा उसे 15 की जगह 25 हजार रुपये की मदद मिलेगी। छत्तीसगढ़ के सूखा पीड़ित किसानों को बेटियों की शादी के लिए कर्जा न लेना पड़े, इसलिए सरकार ने आर्थिक मदद की राशि बढ़ाने का फैसला लिया था। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विवाह में राशि खर्च करने के संबंध में मापदण्ड भी तय कर दिए है। विवाह आयोजन एवं परिवहन व्यवस्था के लिए प्रति कन्या पांच हजार रुपए खर्च किए जाएंगे। इसके अंतर्गत पंडाल-भवन किराया, प्रति जोड़ा 20 अतिथियों के लिए भोजन और नाश्ता, बैठक व्यवस्था, विवाह की फोटो और प्रमाण पत्र, आकस्मिक व्यय और परिवहन व्यय शामिल है। इसके अलावा घर-गृहस्थी बसाने के लिए किचन सामग्री उपहार स्वरूप दी जाती है।

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