रायपुर। मौसम की मार के चलते खराब होने से इन दिनों प्याज पर महंगाई की मार पड़ चुकी है। इसका असर बाजार में यह देखने को मिल रहा है कि राजधानी में प्याज की खपत 70 फीसद तक घट गई है। अगर आंकड़ों की बात करें तो माहभर पहले जहां रोजाना 30 टन प्याज की खपत हो रही थी, इन दिनों यह खपत राजधानी में 10 टन के करीब पहुंच गई है। प्याज की बढ़ती कीमतों का असर होटलों के साथ ही घरों की रसाइयों पर भी पड़ा है। कारोबारियों का कहना है कि सस्ते प्याज काउंटरों यानि थोक कीमत में ही रिटेल में प्याज उपलब्ध करा रहे काउंटरों से भी भीड़ गायब हो गई है।
प्याज की कीमत सामान्य रहने पर कम से कम एक किलो प्याज लेने वाले उपभोक्ता इन दिनों एक पाव की खरीदारी में कर रहे हैं। थोक कारोबारी भी उनकी मांग के अनुसार प्याज उपलब्ध करा रहे है। थोक आलू-प्याज व्यापारी संघ के अध्यक्ष अजय अग्रवाल का कहना है कि इन दिनों प्याज काउंटरों से भी भीड़ गायब हो गई है और कीमतों का असर ग्राहकी पर देखा जा रहा है। प्याज की खपत ही काफी घट गई है। यह खपत आम उपभोक्ताओं के साथ ही बड़े और छोटे होटलों और फूड रेस्टारेंट चलाने वाले कारोबारियों के पास होती थी। आज की स्थिति में अच्छी क्वालिटी का प्याज 60 से 65 रुपये किलो बिक बिक रहा है तो बिक्री लगातार घटते जा रही है। प्याज की कीमतें इतनी महंगी हो गई है कि ज्यादा मात्रा में नहीं लिया जा सकता। कम क्वालिटी वाली प्याज तो सस्ती है लेकिन अच्छी क्वालिटी वाली प्याज काफी महंगी है। इसलिए खरीदारी ही आवश्यकतानुसार कर रहे है।