रायपुर। शिक्षा विभाग में तबादले के बाद विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब नया खुलासा हुआ है कि अधिकारियों ने विधायक और मंत्री के फर्जी लेटरपैड पर अनुशंसा करके अपने करीबी लोगों का मनचाहा ट्रांसफर कर दिया है। शिक्षा विभाग ने इसकी जांच शुरू की है। बताया जा रहा है कि एक महीने में दो हजार से ज्यादा शिक्षकों के तबादले हुए हैं। इसमें शिक्षा मंत्री की अनुशंसा को दरकिनार कर दिया गया, लेकिन फर्जी लेटरपैड वालों का तबादला हो गया। शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों ने बताया कि तबादला में कुछ अधिकारियों ने बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की है।
शिक्षकों के तबादले के लिए विधायक और मंत्रियों ने अनुशंसा की थी। करीब 40 फीसदी अनुशंसा पर अधिकारियों ने विचार ही नहीं किया। इसके कारण ही विधायक बृहस्पति सिंह ने शिक्षा मंत्री के बंगले पहुंचकर विरोध जताया और मुख्यमंत्री से शिकायत की थी। बताया जा रहा है कि कई ऐसे शिक्षकों और बीईओ का तबादला हो गया, जिसकी अनुशंसा ही नहीं की गई थी।
अब अधिकारी अनुशंसा पर किए गए ट्रांसफर की जांच कर रहे हैं। एक विधायक ने बताया कि उन्होंने बीईओ और प्राध्यापकों के तबादले के लिए अनुशंसा नहीं की थी, लेकिन मंत्री के कार्यालय से यह जानकारी मिली की आपकी अनुशंसा के आधार पर ट्रांसफर कर दिया गया है। विधायक ने इसकी शिकायत भी की और अपने लेटरपैड के फर्जी उपयोग की शिकायत भी की।
एक शिक्षक का तीन जगह तबादला
तबादले में कई तरह की गड़बड़ी सामने आई। इसमें एक शिक्षक का तीन स्थानों पर तबादला कर दिया गया। इसके साथ ही टी संवर्ग के शिक्षकों का ई संवर्ग में तबादला कर दिया गया। हालांकि 30 सितंबर को हुए तबादले में विभाग ने निर्देश जारी किया कि इस तरह की गड़बड़ी पाए जाने पर तबादला निरस्त माना जाएगा। इस तरह की गड़बड़ी के कारण कई शिक्षक पिछले कई दिनों से परेशान चल रहे हैं।