जिला मुख्यालय सूरजपुर में उप संचालक कार्यक्रम अधिकारी जब से सूरजपुर में पदभार संभाले हुए है लोगों के द्वारा बताया जाता है कि, वह केवल टीएल मीटिंग में ही आते है बाकि समय नदारद रहते है। यह अधिकारी अपने कार्यालय से हमेशा नदारद रहते हैं, जिससे कार्यालय के कामों में देरी हो रही है और लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्राप्त जानकारी के अनुसार, पूर्व में भी यह अधिकारी बैकुण्ठपुर कोरिया में भी पद संभाल चुके है। पंरतु पूर्व में भी यह अधिकारी अपने आॅफिस से नदारद रहते थे। जो कि पूर्व में एक ब्लाॅक का जिला था। जानकार सूत्र बताते है कि, कार्यक्रम अधिकारी फर्जी पैसा निकालने में माहिर है।
इसी प्रकार मिली जानकारी के अनुसार, सूरजपुर के परियोजना अधिकारियों से महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी द्वारा पैसा लेन-देन का मामला सामने आया है। बताया जाता है कि, सूरजपुर में एक-एक परियोजना अधिकारियों को लगभग तीन-चार ब्लाॅकों का प्रभार दे दिया गया है। बड़ी विडम्बना की बात है कि, महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी सप्ताह में एक ही दिन देखे जाते है और बाकि समय नदारद रहते है। क्या टीएल मीटिंग में ही लोग दिखाई देने के लिए कार्यभार संभाले हुए है ? जैसे रात्रि में उल्लू दिखाई देता है उसी प्रकार यह लोग टीएल मीटिंग में ही दिखाई देते है। क्या इस संबंध में मुख्यालय के मुख्यिा इस पर चर्चा करके सूरजपुर को इन लोगों से मुक्ति दिला पायेगा ?
महिला बाल विकास कार्यक्रम अधिकारी की अनुपस्थिति का मामला गंभीर है और इसे जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है। यह सुनिश्चित करना महत्वपूर्ण है कि अधिकारी अपने कर्तव्यों का पालन करें और लोगों को उनकी सेवाएं प्रदान करें।