एमसीबी : त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 के दौरान मतदान केंद्रों के भौतिक सत्यापन, आवागमन के रूट का सत्यापन, वल्नरेबिलिटी मैपिंग की कार्यवाही के तथा मतदान दलों पर प्रभावी नियंत्रण एवं पर्यवेक्षण और चुनाव प्रक्रिया को निष्पक्ष, स्वतंत्र तथा शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु आज कलेक्टर कार्यालय के सभा कक्ष में रिटर्निंग अधिकारी जिला पंचायत श्रीमती अंकिता सोम शर्मा ने सेक्टर अधिकारियों की बैठक ली। इससे पूर्व मास्टर ट्रेनर ने सभी सेक्टर अधिकारियों को सेक्टर अधिकारी के दायित्वों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि सेक्टर विभाजन एवं सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति- जिले के अंतर्गत आने वाले पंचायतों में स्थित मतदान केन्द्रों पर कार्य सुव्यवस्थित ढंग से संपन्न कराये जाने के लिए पर्यवेक्षण हेतु आवश्यक संख्या में सेक्टर अधिकारियों की नियुक्ति की जाए। क्षेत्र की भौगोलिक संरचना (नदी, पहाड़ इत्यादि की अवस्थिति) मतदान केन्द्रों की परस्पर दूरी, पहुंच मार्गों की स्थिति आदि को ध्यान में रखते हुए क्षेत्र का निर्धारण इस प्रकार किया जाए कि संबंधित अधिकारी मतदान के दिन प्रत्येक मतदान केन्द्र पर कम से कम दो बार भ्रमण कर सकें।
सेक्टर अधिकारियों के दायित्व- सेक्टर अधिकारियों को विशेष रूप से यह देखना चाहिए कि जिस भवन में मतदान केन्द्र स्थापित किया गया है, उस तक पहुंच मार्ग की हालत कैसी है? यदि भवन या पहुंच मार्ग में कुछ मरम्मत/सुधार कार्य करना आवश्यक हो तो उन्हें इस संबंध में तत्काल अपना प्रतिवेदन जिला निर्वाचन अधिकारी को देना चाहिए ताकि ये संबंधित विभाग/संस्था से ऐसे कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता पर पूरा करा सकें। सेक्टर अधिकारी को यह भी देखना चाहिए कि मतदान केन्द्रों पर आवश्यक फर्नीचर, विद्युत व्यवस्था एवं इमरजेंसी लाइट आदि की व्यवस्था में कोई समस्या तो नहीं है। यदि किसी प्रकार की समस्या की आशंका हो तो उन्हें संबंधित अनुविभागीय अधिकारी राजस्व अथवा तहसीलदार/ नायब तहसीलदार का ध्यान इस ओर आकृष्ट कर उसके निराकरण के लिए समय पर पहल करनी चाहिए।
सेक्टर अधिकारियों के निम्नांकित कर्तव्य विशेष रूप से महत्वपूर्ण है-
मतदान की तारीख के पूर्व – मतदान दलों के प्रशिक्षण के दौरान उन्हें प्रशिक्षण केन्द्र पर उपस्थित रहना चाहिए तथा दलों के पीठासीन अधिकारियों से परिचय प्राप्त करना चाहिए। मतदान की प्रक्रिया के संबंध में दल के किसी अधिकारी की कोई पृच्छाएं या शंकाएं हों तो उनका समाधान करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक मतदान दल का पीठासीन अधिकारी अपने कर्तव्यों से भली-भांति अवगत हो जाए। सेक्टर अधिकारी के प्रभार के क्षेत्र के मतदान केन्द्रों के लिए जिस दिन सामग्री वितरित की जाए, उस दिन उन्हें वितरण केन्द्र पर स्वयं उपस्थित रहना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्रत्येक दल ने आवश्यक सामग्री प्राप्त कर ली है और उसकी भली-भांति जांच भी कर ली है। मतदान दलों की निर्धारित तारीख और व्यवस्था के अनुसार अपने गंतव्य के लिए रवाना कराने का भी दायित्व सेक्टर अधिकारी का ही है। यदि किसी दल में कोई पीठासीन अधिकारी/मतदान अधिकारी अनुपस्थित हो तो उसके स्थान पर एवजीदार को भेजे जाने की व्यवस्था भी वे ही करेंगे। मतदान दलों के प्रस्थान करने के पश्चात सेक्टर अधिकारी का स्वयं भी उनके पीछे-पीछे प्रत्येक मतदान केन्द्र का भ्रमण करना अपेक्षित है। वे मतदान दल के केन्द्र पर पहुंच जाने के संबंध में दल के पीठासीन अधिकारी से प्रमाण-पत्र प्राप्त करें और उसे वापसी पर रिटर्निंग ऑफिसर को सौंपे। यदि किसी केन्द्र में व्यवस्था संबंधी कोई कमी रह गई हो तो उसे स्थानीय तौर पर पटवारी/राजस्व निरीक्षक आदि की मदद से निपटाया जाना चाहिए ।
मतदान के दिन- मतदान के दिन सेक्टर अधिकारी से यह अपेक्षित है कि वे प्रात काल से ही मतदान केन्द्रों का भ्रमण प्रारंभ कर दें। उन्हें अपने बाहन में कुछ अतिरिक्त मतपेटियां तथा अमिट स्याही की शीशियां आदि आवश्यक सामग्री रखकर चलना चाहिए। सेक्टर अधिकारी को अपने साथ आरक्षित दलों में से दो मतदान अधिकारियों को भी अपने वाहन में बैठाकर ले चलना चाहिए ताकि किसी भी अप्रत्याशित स्थिति का तत्परता से सामना किया जा सके। सेक्टर अधिकारी को अपने क्षेत्र में एक सिरे से मतदान केन्द्रों का भ्रमण प्रारंभ करते हुए दोपहर तक सभी केन्द्रों को एक बार देख लेना चाहिए। मतदान की समाप्ति के पश्चात् उन्हें फिर से, अपने क्षेत्र के दूसरे सिरे से मतदान केन्द्रों से भ्रमण प्रारंभ कर बारी-बारी से सभी केंद्रों का भ्रमण करना चाहिए। भ्रमण के दौरान यदि किसी मतदान केन्द्र पर कोई समस्या दिखे तो उसके निदान के लिये तत्काल समुचित कार्यवाही की जानी चाहिए। अपने क्षेत्र की प्रत्येक महत्वपूर्ण घटना की जानकारी उन्हें तुरंत निकटस्थ पुलिस थाने या पुलिस नियंत्रण कक्ष अथवा रिटर्निंग आफिसर को देनी चाहिए। भ्रमण के दौरान किसी मतदान केन्द्र पर यदि यह दिखे कि पीठासीन अधिकारी द्वारा कोई कठिनाई अनुभव की जा रही है तो सेक्टर अधिकारी को उसके निराकरण में उसकी यथावश्यक सहायता की जानी चाहिए। परन्तु उन्हें इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि वे पीठासीन अधिकारी की ओर से स्वयं कोई निर्णय नहीं ले सकते हैं। वे पीठासीन अधिकारी को केवल आवश्यक मार्गदर्शन/सुझाव दे सकते हैं। मतदान पूर्ण होने के बाद, सामान्यतः मतगणना मतदान केन्द्र पर ही की जाती है। अतः मतगणना पूर्ण होने के बाद या यदि मतगणना खंड मुख्यालय पर कराए जाने का निर्णय लिया गया हो तो मतदान पूर्ण होने के बाद प्रत्येक मतदान दल पूर्व से निर्धारित परिवहन व्यवस्था के अनुसार मुख्यालय वापिस आयेगा। सेक्टर अधिकारी को मतदान दलों के वाहन के साथ ही वापस आना चाहिए। सेक्टर अधिकारी को मतदान प्रक्रिया के दौरान नियत समय पर निर्धारित प्रपत्र में रिटर्निंग ऑफिसर के माध्यम से जिला निर्वाचन अधिकारी और राज्य निर्वाचन आयोग को अवगत कराना चाहिए। सेक्टर अधिकारियों द्वारा प्रस्तुत किये जाने वाले प्रपत्र-1, प्रपत्र-2. प्रपत्र 3, प्रपत्र-4 परिशिष्ट सोलह में दिये गये हैं। उक्त प्रपत्रों की प्रतियां सेक्टर अधिकारी को जिला निर्वाचन अधिकारी/ रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा आदेश के साथ भेजी जाये। रिटर्निंग अधिकारी ने सभी सेक्टर अधिकारियों को मदतान केंद्र के खिड़की तथा दरवाजों समुचित रूप से खुलने एवं बंद की स्थिति को ठीक करने, जिन मतदान केन्द्रों में बाउड्रीवॉल नहीं है वहां पर बास, बल्ली लगाकर घेरने के निर्देश दिये। उन्होंने नेटवर्क विहीन मतदान केंद्रों में रनर लगाने के साथ ही पानी, प्रकाश, शौचालय एवं छाया की व्यवस्था करने के निर्देश दिये। बैठक में जिले त्रिस्तरीय पंचायत आम निर्वाचन 2025 में नियुक्त सेक्टर अधिकारी उपस्थित रहे।