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एमसीबी/CG : त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन हेतु 662 कर्मचारियों को 25 मास्टर ट्रेनर्स ने दिया प्रशिक्षण………….

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एमसीबी :  आगामी पंचायत निर्वाचन 2025 के सफल संचालन हेतु कलेक्टर एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के निर्देशानुसार मास्टर ट्रेनरों द्वारा मतदान दलों का विकासखंड स्तरीय प्रशिक्षण आयोजित किया गया। यह प्रशिक्षण स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी स्कूल मनेंद्रगढ़ में सुबह 11ः00 बजे से प्रारंभ किया गया। जिसमें विकासखंड मनेंद्रगढ़ के मतदान दलों सहित रिज़र्व दलों के 166 दलों के 662 कर्मचारियों को 25 मास्टर ट्रेनरों द्वारा प्रशिक्षण दिया गया। पंचायत निर्वाचन की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न कराने के लिए मास्टर ट्रेनरों ने मतदान और मतगणना से जुड़ी विस्तृत जानकारी दी। प्रशिक्षण सत्र में बताया गया कि पंचायत चुनाव की खासियत यह है कि मतदान और मतगणना दोनों एक ही दिन और एक ही मतदान केंद्र पर होते हैं। मतदान समाप्त होते ही मतदान दल को मतगणना दल में परिवर्तित कर दिया जाता है और उसी स्थान पर मतगणना कर अभ्यर्थियों को प्राप्त मतों की संख्या घोषित कर दी जाती है। इसलिए मतदान दल के सभी सदस्यों को मतदान के साथ-साथ मतगणना की प्रक्रिया का भी संपूर्ण ज्ञान होना आवश्यक है। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि मतगणना के समय पीठासीन अधिकारी को प्राधिकृत अधिकारी की भूमिका निभानी होती है, जबकि सभी मतदान अधिकारी मतगणना सहायक के रूप में कार्य करते हैं। मतदान और मतगणना की प्रक्रिया पूरी तरह से सामूहिक उत्तरदायित्व का कार्य है, इसलिए दल के प्रत्येक सदस्य को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाना होगा। यदि मतदान के दौरान कोई त्रुटि होती है, तो उसका प्रभाव मतगणना में दिखेगा, इसलिए सभी को अत्यधिक सतर्कता और सावधानी बरतनी होगी। प्रशिक्षण में यह भी बताया गया कि ग्रामीण निकाय चुनावों में प्रत्येक मतदान केंद्र पर चार अलग-अलग पदों के लिए मतदान होता है। इनमें जिला पंचायत सदस्य के लिए गुलाबी, जनपद पंचायत सदस्य के लिए पीला, ग्राम पंचायत सरपंच के लिए नीला और ग्राम पंचायत पंच के लिए सफेद रंग का मतपत्र निर्धारित होता है। यदि किसी ग्राम पंचायत में 10 वार्डों के पंच पदों के लिए मतदान हो रहा हो, तो उस मतदान केंद्र पर 13 प्रकार के मतपत्र हो सकते हैं। इसलिए मतदान प्रक्रिया को व्यवस्थित रूप से संचालित करने के लिए प्रत्येक मतदान दल में पीठासीन अधिकारी के अलावा चार मतदान अधिकारी होते हैं। मास्टर ट्रेनरों ने बताया कि पंचायत चुनावों में मतपत्र और मतपेटी के माध्यम से मतदान संपन्न कराया जाता है। सभी मतपत्रों की स्पष्ट पहचान के लिए मतदान दल को दो विशेष सुभेदक सील दी जाती हैं। इनमें से एक सील का उपयोग जिला पंचायत और जनपद पंचायत सदस्य पद के मतपत्रों के लिए, जबकि दूसरी सील सरपंच और पंच पद के मतपत्रों के लिए किया जाता है। प्रशिक्षण में यह भी स्पष्ट किया गया कि सामान्यतः मतदान का समय सुबह 7 बजे से दोपहर 3 बजे तक निर्धारित होता है, लेकिन सभी मतदान कर्मियों को अपने नियुक्ति आदेश में दिए गए समय का कड़ाई से पालन करना होगा। मतदान समाप्त होने के बाद सभी आवश्यक अभिलेख तैयार किए जाते हैं और तत्पश्चात मतदान केंद्र पर ही मतगणना की प्रक्रिया शुरू कर दी जाती है। मतगणना के बाद सभी अभिलेखों को संकलित कर मतपत्रों और अन्य सामग्रियों को सुरक्षित रूप से सील किया जाता है, जिसके बाद मतदान दल निर्धारित प्रक्रिया के तहत सुरक्षित रूप से लौटता है। मास्टर ट्रेनरों ने कहा कि पंचायत निर्वाचन की यह प्रणाली चुनावी प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुचारू बनाती है। सभी मतदान कर्मियों को अपनी जिम्मेदारियों को पूरी निष्ठा और ईमानदारी से निभाने का निर्देश दिया गया, ताकि चुनाव निष्पक्ष और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके।


इस प्रशिक्षण में मास्टर ट्रेनर टी. विजय गोपाल राव, नारायण प्रसाद तिवारी, सुरेंद्र कुमार जायसवाल, जसवंत डहरिया, गणेश यादव, अमूलचंद झा, विनोद सोनी, गौरव त्रिपाठी, लवकुश कुमार गुप्ता, श्रीकांत लांजेवार, विवेक सिन्हा, पारसमणि, कमरुद्दीन अंसारी, देवेंद्र साहू, भीमसेन भगत, रामचंद्र नामदेव, नसीमा बेगम, स्मृति अग्रवाल, सुशील तिवारी, रामशरण सिंह, मुकेश चौहान, सुशील छात्रे, अश्विनी कुमार दुबे, शुभम अग्रवाल सहित अन्य कर्मचारी उपस्थित थे।

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