Home कोरिया कोरिया/CG : कोरिया प्रशासन भू-माफियों का बना कठपूतली ?………….

कोरिया/CG : कोरिया प्रशासन भू-माफियों का बना कठपूतली ?………….

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जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर में बाईसागर तालाब को लेकर महीनों से समाचार प्रकाशित किया जा रहा है पर प्रशासन देखते हुए भी अनदेखा कर रहा है। कोरिया प्रशासन पर भू-माफियों के साथ मिलीभगत के आरोप लगाए जा रहे हैं। यह आरोप इस बात पर आधारित है कि, कोरिया प्रशासन भू-माफियों के खिलाफ कार्रवाई करने में विफल रहा है, जिससे उनके अवैध कार्यों को बढ़ावा मिल रहा है । सोचने वाली बात है कि, कोरिया कलेक्टर, एसडीएम और तहसीलदार से भी स्टेय नहीं मिला। तो आवेदक सरगुजा आयुक्त के शरण में शरणागत हुआ, तथा तालाब व निस्तार के भूमि को लेकर आयुक्त द्वारा स्थगन आदेश दिया गया, पर कोरिया जिले का प्रशासन यह जानते हुए कि, आवेदक एक वरिष्ठता की श्रेणी में आता है जिससे हमारा भारत सरकार सम्मान देती है उसके बावजूद भी आवेदक को भ्रमित किया जा रहा है। इससे प्रतीत होता है कि, वरिष्ठ व्यक्ति को प्रशासन नहीं समझते तो आम जनता को क्या समझते होंगे ?

वही कुछ समय बाद बैकुण्ठपुर एसडीएम ने स्थगन आदेश लगाया, पर कोरिया प्रशासन तालाब का कोई भी विवरण देने को तैयार नहीं। क्या कोरिया प्रशासन ने पैसे के बल पर व राजनितिक दबाव में आवेदक को नहीं बुलाया। बता दें कि, एक ऐसा व्यक्ति जिसका नाम प्रभाकर डबरे है इस व्यक्ति के साथ आवेदक का लगभग 30 वर्षों से जमीन विवाद चल रहा है। छत्तीसगढ़ के सभी लोग जानते है कि, आवेदक से उसका विवाद चल रहा है।

लोगों में चर्चाऐं है कि, बैकुण्ठपुर के तहसीलदार महोदया के द्वारा आवेदक को झूठे या फर्जी ढंग से पंचनामा में लिखा गया कि, आवेदक की सहमति एवं पंच नामांकित द्वारा सहमति दिया गया। उस आधार पर एसडीएम महोदया ने स्टेय को निरस्त किया। और तालाब के सभी दस्तावेज को दरकिनार कर दिया गया। जबकि सर्वोच्च न्यायालय का संभाग आयुक्त ने अपने आदेश में उदाहरण दिया है कि, निस्तार व तालाब की भूमि को न भाटा जा सकता है न ही बेचा जा सकता है, परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, भू-माफियों द्वारा फर्जी ढंग से छत्तीसगढ़ के आधे जिले में कृषि विभाग या उद्यानिकी विभाग से पैसा निकाले जा रहे है। जिसका उदाहरण उप संचालक स्व. श्याम कुंवर के वक्त का रिकाॅर्ड देखा जाये और उप संचालक कृषि विभाग दीवान के समय में भी करोड़ों का अहरण हुआ है। जानकार सूत्र बताते है कि, लगभग 5000 रुपये के सामान को 25 लाख रुपये का बिल लगाकर करोड़ों रुपये का घोटाला किया गया है, जिसे समाचार पत्रों में बार-बार उजागर किया जा रहा है। और उनके ऐजेन्टों द्वारा फर्जी तरीके से बिल लगाये जा रहे है।

बता दें कि, प्रशासन के जिम्मेदार व्यक्ति तहसीलदार महोदया द्वारा आवेदक को अनुपस्थित मौखिक रूप से बताकर तालाब व निस्तार की भूमि को नजूल भूमि बता दिया गया और पंचनामा में एसडीएम महोदया जी से स्टेय को निरस्त कर दिया गया। इस पर कलेक्टर महोदया जी को संज्ञान में लेना चाहिए।

इससे साफ तौर पर देखा जा सकता है कि, यह सब षणयंत्र बनाकर एक वरिष्ठ व्यक्ति जो कि राष्ट्रीय स्तर के संपादक है उन्हें गुमराह किया जा रहा है। अब इससे पता चलता है कि, बैकुण्ठपुर के भोली-भाली जनता को कैसे ठगा जाता होगा। इस संबंध को लेकर कोरिया जिले के जनता में आक्रोश है कि, प्रशासन अपने पद का दुरूपयोग कर रहे है।

लोगों में तरह-तहर की चर्चाऐं है कि, बैकुण्ठपुर के भू-माफियों को पांच बिल्डिंग बनाने का अधिकार किसने दिया और यह पैसा कहां से आया ? क्या भारत सरकार ऐसे लोगों पर ध्यान देगी ?

लोगों का कहना है कि, कोरिया प्रशासन की इस कथित मिलीभगत के कारण भू-माफियों के खिलाफ कार्रवाई करने में परेशानी हो रही है। इससे न केवल कानून व्यवस्था खराब हो रही है, बल्कि आम नागरिकों के अधिकारों का भी उल्लंघन हो रहा है । यह समाचार आम जनता के विचारधाराओं पर प्रकाशित किया जा रहा है।

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