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कोरिया : मछली पालन से आत्मनिर्भरता की ओर यशोदा सिंह, मुद्रा लोन से शुरू किया कारोबार, परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में जुटी…………

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कोरिया 16 जनवरी 2025/ सोनहत विकासखंड के ग्राम पंचायत लटमा के पहाड़पारा की रहने वाली तीन बच्चों की मां और महज आठवीं तक पढ़ी श्रीमती यशोदा सिंह ने अपनी मेहनत और जज़्बे से ग्रामीण क्षेत्र में एक नई मिसाल पेश की है। उन्होंने मुद्रा लोन के तहत 80 हजार रुपये का ऋण लेकर मत्स्य पालन शुरू किया और इसे अपनी आजीविका का मुख्य साधन बना लिया।

यशोदा सिंह के पास 80 डिसमिल जमीन में एक डबरी है, जिसे उन्होंने मछली पालन के लिए उपयुक्त पाया। उन्होंने गेजबांध से 5,000 मछली बीज (20 थैलियां) प्राप्त कर अपने सपने को हकीकत में बदलने की शुरुआत की। उनके पति श्री संत लाल उनके इस कार्य में पूरी मदद कर रहे हैं। यशोदा ने बताया, श्शुरुआत में डर था, लेकिन मन में कुछ करने का जज़्बा था। डबरी पहले से उपलब्ध थी, इसलिए मछली पालन का विचार आया। अब मुझे यकीन है कि यह हमारी आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाएगा।श्

डबरी से उभरता एक सपना
डबरी में पर्याप्त पानी होने के कारण यशोदा और उनके पति ने इसके आसपास सब्जियां और अन्य फसलें भी उगाना शुरू कर दिया है। संत लाल कहते हैं, “मेरी पत्नी ने यह साबित कर दिया कि अगर जज्बा और मेहनत हो, तो कोई भी काम छोटा नहीं होता। उनका यह कदम निश्चित ही हमारे परिवार को आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगा।”

प्रेरणा बनी यशोदा की कहानी
यशोदा सिंह का यह कदम गांव के अन्य लोगों के लिए भी प्रेरणा बन रहा है। ग्रामीण महिलाओं के लिए यह संदेश है कि सही सोच और मेहनत से आत्मनिर्भरता का रास्ता बनाया जा सकता है। यशोदा का मानना है कि महिलाओं को अपने भीतर के डर और झिझक को दूर कर नई दिशा में कदम बढ़ाना चाहिए।

सरकार की मुद्रा योजना के सहयोग से यशोदा ने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि यह दिखा दिया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, साहस और आत्मविश्वास से बड़े सपने साकार किए जा सकते हैं। उनकी जीवटता से यह स्पष्ट है कि मछली पालन जैसे छोटे-से व्यवसाय से भी बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

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