गरीब सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने वाला 7वां राज्य बना महाराष्ट्र
महाराष्ट्र जनरल कैटेगरी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण लागू करने वाला देश का सातवां राज्य बन
महाराष्ट्र में भी अब सवर्ण आरक्षण लागू हो गया है. राज्य मंत्रिमंडल ने सवर्ण आरक्षण विधेयक के प्रारूप को मंजूरी दे दी है. केंद्र की तरह अब महाराष्ट्र में भी शिक्षा और सरकारी नौकरियों में सवर्णों को 10 फीसद आरक्षण की सुविधा दी जाएगी. महाराष्ट्र जनरल कैटेगरी के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए 10 फीसद आरक्षण लागू करने वाला देश का सातवां राज्य बन गया है. इससे पहले एक फरवरी को बिहार कैबिनटे ने बिल पास कर इसे लागू करने का ऐलान किया था. महाराष्ट्र और बिहार समेत, हिमाचल प्रदेश, उत्तर प्रदेश, झारखंड और असम इसे लागू कर चुके हैं.
बता दें कि आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग के लोगों को नौकरी और शिक्षा में 10 प्रतिशत आरक्षण देने वाला यह अधिनियम संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 में संशोधन कर सामान्य वर्ग के गरीबों को आरक्षण का प्रावधान करता है. इसके तहत 8 लाख रुपए तक की वार्षिक आमदनी वालों को आरक्षण का लाभ प्राप्त होगा.
इस कानून को 12 जनवरी को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने अपनी मंजूरी दी थी. यह बिल लोकसभा में 8 जनवरी और राज्यसभा में 9 जनवरी को पास हो गया था. इसका लाभ लेने के लिए सवर्ण परिवार की सालाना आय 8 लाख रुपए से कम होनी चाहिए और उनका घर 1000 वर्ग फीट से बड़ा ना हो. इसके अलावा म्यूनिसिपिटी एरिया में 100 गज से बड़ा घर ना हो और उनकी 5 एकड़ से ज्यादा खेती लायक जमीन भी ना हो.
एक शर्त यह भी है कि उनका नॉन नोटिफाइड म्यूनिसिपल एरिया में 200 गज से बड़ा घर नहीं होना चाहिए. सवर्णों को 10% आरक्षण देने वाले कानून के तहत सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा.