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छत्तीसगढ़ : जशपुर के मुख्य एवं ताजा समाचार………….

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बस स्टैंड, रैन बसेरा और सार्वजनिक जगहों पर जिला प्रशासन ने लोगों के लिए अलाव की व्यवस्था की

जशपुरनगर :  कलेक्टर श्री रोहित व्यास के मार्गदर्शन में और जशपुर एसडीएम श्री ओंकार यादव के दिशा निर्देश में जशपुर में कड़ाके की ठंडी को देखते हुए आम लोगों की सुविधा के लिए बस स्टैंड, रैन बसेरा और सार्वजनिक जगहों में अलाव की व्यवस्था की गई है। ताकि लोगों को ठंडी से राहत मिल सके।

1020 पदों हेतु प्लेसमेंट कैम्प का आयोजन 22 जनवरी को

       जशपुरनगर : रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केंद्र जशपुर के द्वारा 22 जनवरी 2025 को 1020 पदों हेतु प्लेसमेंट कैंप का आयोजन किया जा रहा हैं। इस संबंध में जिला रोजगार अधिकारी ने बताया कि प्लेसमेंट कैंप में वेदांता स्किल स्कूल बाल्को कोरबा के द्वारा 420 पदों तथा सेफ इंटेलिजेंस सिक्योरिटी सर्विसेज भिलाई के द्वारा 600 पदों पर भर्ती की जाएगी। वेदांता स्किल स्कूल बाल्को कोरबा से प्राप्त भर्ती हेतु रिक्तियों में सिलाई मशीन ऑपरेटर, बिजली कारीगर, फिटर, वेल्डर, होटल प्रबंधन, सौर पीवी इंस्टालर, मोबाइल रिपेयरिंग और हार्डवेयर के 60-60 पद शामिल हैं। इसी प्रकार सेफ इंटेलिजेंट सिक्योरिटी सर्विस भिलाई से प्राप्त भर्ती हेतु रिक्तियों में सुरक्षा गार्ड के 400 पद, सुरक्षा पर्यवेक्षक के 50 पद, लेडीज गार्ड के 50 पद एवं मजदूरी के 100 पद पर भर्ती की जाएगी।
इस हेतु इच्छुक अभ्यर्थी निर्धारित 22 जनवरी को सुबह 11.00 बजे समस्त मूल प्रमाण-पत्रों एवं  पासपोर्ट साईज फोटो, आधार कार्ड, पैन कार्ड के साथ रोजगार एवं स्वरोजगार मार्गदर्शन केन्द्र जशपुर में उपस्थित होकर प्लेसमेंट कैम्प में भाग ले सकते हैं।

कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने जशपुर में पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्रों का किया अवलोकन
नीमगांव डेम, पर्यावरण वाटिका, प्रस्तावित सर्पज्ञान केंद्र एवं अन्य जगहों का अवलोकन कर इसके विकास के सबंध में अधिकारियों से की चर्चा

जशपुरनगर :  जशपुर पर्यटन के प्रमुख केंद्र के तौर पर विकसित किया जा रहा है। कलेक्टर श्री रोहित व्यास ने पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने वाले क्षेत्रों को दौरा किया और इस संबंध में अधिकारियों से चर्चा कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। कलेक्टर ने नीमगांव डेम, पर्यावरण वाटिका बगिया, कांसाबेल में मधुवन औषधि वाटिका व एनिमल रेस्क्यू सेंटर और तपकरा में प्रस्तावित सर्प ज्ञान केंद्र और पमशाला का अवलोकन कर इन्हें पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने और इनसे उत्पन्न होने वाले रोजगार के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की।


कलेक्टर श्री व्यास ने नीमगांव डेम का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने वनमंडलाधिकारी श्री जितेन्द्र उपाध्याय, सिंचाई विभाग के एसडीओ श्री एस.के.रात्रे, तहसीलदार श्रीमती जयश्री राजनपथे, नायब तहसीलदार श्री राजेश यादव सहित वहां मौजूद अन्य अधिकारियों से इसे पर्यटन के तौर पर विकसित किए जाने के संबंध में चर्चा की और अधिकारियों को इस संबंध में प्रस्ताव बना कर प्रस्तुत करने को कहा। अधिकारियों ने बताया की नीमगांव डेम को पक्षी विहार के तौर पर विकसित किया जाना है। इस डेम में प्रवासी पक्षी आते हैं। नवंबर से मार्च तक इनका यहां पर बसेरा रहता है। इस डेम से आसपास के 4 गांवों की सिंचाई होती है। पक्षी विहार बन जाने से यहां पर लोगों की आमद बढ़ेगी, इससे आसपास के ग्रामीणों को रोजगार भी मिलेगा। कलेक्टर श्री व्यास बगिया में बन रहे पर्यावरण वाटिका का अवलोकन करने पहुंचे। लगभग 28 हेक्टेयर में बन रहे पर्यावरण वाटिका में हर्बल प्लाटेंशन, वाटर फॉल, मेडिटेशन हट, पगोड़ा, चिल्ड्रन पार्क, सहित अन्य निर्माण कार्य होना है। कलेक्टर ने इसे समय-सीमा में एवं गुणवत्तापूर्वक करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।
कलेक्टर ने कांसाबेल में मधुवन औषधि वाटिका का अवलोकन किया। लगभग 2 हेक्टेयर परिक्षेत्र में निर्मित इस वाटिका के पुराने स्वरूप में लाने के संबंध में अधिकारियों से चर्चा की और साफ-सफाई रखने के निर्देश भी दिए। कलेक्टर ने कांसाबेल एनिमल रेस्क्यू सेंटर का भी अवलोकन किया। इस रेस्क्यू सेंटर में जंगली जानवरों का इलाज, भोजन सहित अन्य सुविधा प्रदान किया जाता है। इलाज हो जाने पर उन्हें पुनः जंगल की ओर छोड़ दिया जाता है। कलेक्टर ने तपकरा में प्रस्तावित सर्प ज्ञान केंद्र का भी अवलोकन किया। लगभग 15 हेक्टेयर में बनने वाले इस केंद्र में पार्क का निर्माण किया जाना है। सर्प ज्ञान केंद्र बन जाने से आम लोगों को सर्प सें संबंधित जानकारी मिलेगी और जागरूकता प्रसार से सांपों का संरक्षण और संवर्धन करने में भी मदद मिलेगी। तपकरा के पमशाला केंद्र के निरीक्षण के दौरान कलेक्टर श्री व्यास ने यहां पर बने राधा-कृष्ण मंदिर के आसपास साफ-सफाई किए जाने और इस परिसर में बने भवन का रंग-रोगन किए जाने के निर्देश अधिकारियों को दिए। इस दौरान आईएफएस श्री निखिल अग्रवाल, फरसाबहार एसडीएम आर.एस. लाल सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

 

मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना जरूरतमंदों के लिए बनी नई जिंदगी का सहारा
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने कैंसर पीड़ित मंशूर खान के ईलाज के लिए 10 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की दी स्वीकृति
मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में दिया था आवेदन

जशपुरनगर :  कठिन आर्थिक परिस्थिति और बीमारी से संघर्ष कर रहे लोगों के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना किसी वरदान से कम नहीं है। संवेदनशील मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आम नागरिकों को भी बेहतर स्वास्थ्य सुविधा मिले इसके लिए प्राथमिकता के साथ काम कर रहे हैं। अपने शुरूआती राजनैतिक जीवन से मुख्यमंत्री बनने तक के सफर में मुख्यमंत्री लोगों को बेहतर इलाज मिले इसके लिए हमेशा सक्रिय रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने इसी संवेदनशीलता परिचय देते हुए कैंसर से पीड़ित मंशूर खान के ईलाज के लिए मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत 10 लाख रूपए की राशि की स्वीकृत दी है।


होटल का व्यवसाय कर अपना जीवन गुजर-बसर करने वाले जशपुर के मंसूर खान को जब पता चला की उन्हें कैंसर है तो उसके जीवन में संकट आ गया। उन्होंने अपना ईलाज वेल्लोर में कराया। अभी उनका उपचार बालको मेडिकल सेंटर रायपुर में चल रहा है। उन्होंने बताया की उनके उपचार में अब तक 20 लाख रुपए तक खर्च हो चुका है। सामान्य परिवार में आने वाले मंशूर के लिए घर का खर्च चलाने के साथ ही अपना ईलाज करना बहुत मुश्किल होता जा रहा था। घर की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही थी। ऐसे में उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के बारे में जानकारी मिली। उन्होंने मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में इस संबंध में आवेदन दिया।
कैंप कार्यालय ने इस पर पहल करते हुए  समन्वय स्थापित किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने उनके आवेदन पर ईलाज हेतु 10 लाख रुपए की राशि की स्वीकृति दी है। मंशूर खान और उनके परिवार के लोगों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा की इस कठिन परिस्थिति में मिली मदद उनके लिए एक बड़ा सहारा बनेगा। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के तहत गंभीर और दुर्लभ बीमारियों के इलाज के लिए 25 लाख रुपये तक की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। यह योजना जरूरतमंद लोगों को कठिन परिस्थितियों में उम्मीद और सहारा प्रदान कर रही है।

 

मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना रू नगर पालिका जशपुर द्वारा किया जा रह मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन
मेडिकल यूनिट में 41 प्रकार के खून जांच की सुविधा उपलब्ध
अब तक 505 शिविर लगाकर 36 हजार से अधिक लोगों का  किया जा चुका इलाज

जशपुरनगर :  मुख्यमंत्री स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत नगर पालिका परिषद जशपुर के द्वारा मोबाइल मेडिकल यूनिट का संचालन  निकाय क्षेत्र के हर वार्ड में जाकर नागरिकों का निःशुल्क इलाज किया जा रहा  हैं। जिससे नागरिकों को छोटी-छोटी बीमारियों के लिए लोगों को अस्पताल नहीं जाना पड़ता ।


मोबाइल मेडिकल यूनिट में 41 प्रकार के खून जांच की सुविधा हैं। मेडिकल यूनिट थाइराइड टेस्ट , विटामिन बी12 टेस्ट , यूरिक एसिड , मधुमेह जैसे विभिन्न प्रकार के टेस्ट कर दवाइयां वितरित भी की जा रही है ।
मुख्य नगर पालिका श्री योगेशवर उपाध्याय  द्वारा समय- समय पर एमएमयू का निरीक्षण किया जाता हैं। मुख्य नगर पालिका ने बताया कि मोबाइल मेडिकल यूनिट लोगो के लिए  बहुत लाभदायक हैं योजना के अंतर्गत नगर पालिका परिषद  जशपुर में अब तक कुल 505 शिविर लगाकर 36034 नागरिकों का इलाज किया जा चुका हैं। जिसमें 12609 नागरिकों का खून जांच और  24857 लोगों को दवाइयां वितरित भी किया  जा चुका है।

उत्कृष्ट कार्य करने वाले 6 शिक्षकों और 3 संकुल समन्वयकों को किया गया सम्मानित
विनोबा ऐप्प के माध्यम से स्कूलों में नवाचारी शिक्षा को दिया जा रहा प्रोत्साहन

        जशपुरनगर :  जिले में उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए 6 शिक्षकों और 03 संकुल समन्वयकों को डिप्टी कलेक्टर प्रशांत कुशवाहा और जिला शिक्षा अधिकारी प्रमोद कुमार भटनागर ने शुक्रवार को जिला कार्यालय सभाकक्ष में प्रमाण पत्र एवं उपहार देकर सम्मानित किया। इस संबंध में विनोबा टीम के प्रोजेक्ट ऑफिसर सोमनाथ साहू ने बताया कि जिले के शिक्षकों द्वारा अक्टूबर और नवंबर माह में किये गए शिक्षकीय कार्यों एवं नवाचारी गतिविधियों को विनोबा ऐप्प में अपलोड किया था। गतिविधियों के विश्लेषण के पश्चात उत्कृष्ट शिक्षण कार्य के लिए शिक्षकों को चयनित किया गया था।


उल्लेखनीय है कि विनोबा ऐप्प की टीम जिले में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए एफएलएन, जवाहर नवोदय परीक्षा की तैयारी में सहयोग के साथ डाटा कलेक्शन का कार्य यशस्वी जशपुर के समन्वय में कर रही है। यह कार्यक्रम कलेक्टर रोहित व्यास के मार्गदर्शन में यशस्वी जशपुर के नोडल अधिकारी विनोद कुमार गुप्ता के द्वारा संचालित कराया जा रहा है।
इस अवसर पर प्राथमिक शाला पंडरीअम्बा के लोकेश कुमार शड़ंगी, माध्यमिक शाला गमहरिया के ऐलन साहू , प्राथमिक शाला रजौटी की अर्चना यादव, माध्यमिक शाला डुमरटोली के संजीव कुमार यादव, प्राथमिक शाला गर्जियाभटान की माधुरी यादव, कन्या आश्रम कांसाबेल की सुमन रवानी,  संकुल समन्वयक डुमरटोली के अजित सिदार, संकुल समन्वयक गम्हरिया के प्रहलाद सिदार , संकुल समन्वयक कोलेंझरिया के  जितेंद्र कुमार पैकरा को सम्मानित किया गया।
प्राथमिक शाला रजौटी की अर्चना यादव ने बताया कि हम विनोबा ऐप्प में अपने स्कूल की गतिविधियों को अपलोड करते हैं साथ ही दूसरे शिक्षकों एवं विद्यालयों में किये जा रहे उत्कृष्ट प्रयासों एवं शिक्षकीय पाठन सामग्रियों (टीएलएम) को देख कर उससे सीखते हैं। जिससे सभी के शिक्षकीय कौशल का विकास होता है। इस कार्यक्रम में ओपन लिंक फाउंडेशन के प्रोग्राम मैनेजर अजहर शेख उपस्थित रहे।

 

बगीचा एसडीएम ने कांसाबेल तहसील के पटवारी हल्का नं. 16 बांस बहार को किया निलंबित
समीक्षा बैठक में बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित होने पर हुई कार्यवाही

जशपुरनगर :  बगीचा एसडीएम श्री ऋतुराज बिसेन ने कांसाबेल तहसील के पटवारी हल्का नं. 16 बांस बहार श्री अमित कुमार चौहान को तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है।
एसडीएम ने 10 जनवरी 2025 को तहसील कार्यालय कांसाबेल में पटवारी की बैठक लेकर उनके कार्यों की समीक्षा की। बैठक के दौरान पटवारी हल्का नं. 16 बांसबहार श्री अमित कुमार चौहान द्वारा बिना पूर्व सूचना के अनुपस्थित एवं शासन के महत्वाकांक्षी योजना के क्रियान्वयन में योगदान नहीं किया जाना पाया गया। जो कि उनके स्वेच्छाचारितापूर्ण व्यवहार एवं कदाचार की श्रेणी में आता है तथा कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही प्रतीत होती है। उक्त कृत्य छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (आचरण) नियम 1965 के नियम 3 के विपरीत होने के कारण श्री अमित कुमार चौहान, हल्का पटवारी, हल्का नं.-16 बांसबहार को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 के तहत् तत्काल प्रभाव से निलंबित किया है। निलंबन अवधि में इनका मुख्यालय कार्यालय तहसीलदार सन्ना निर्धारित किया किया गया है। निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ते की पात्रता होगी।

पोंगरो में जीआईएस आधारित आईएनआरएम कार्यशाला हुआ संपन्न
जिला पंचायत सीईओ ने जल संवर्धन के महत्व के प्रति लोगों को किया जागरूक
जल और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की तकनीकों को बेहतर तरीके से समझने स्थानीय क्षेत्रों का किया गया दौरा

जशपुरनगर :  जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री अभिषेक कुमार के मार्गदर्शन एवं नेतृत्व में कांसाबेल विकासखंड के ग्राम पंचायत पोंगरो में जीआईएस आधारित आईएनआरएम योजना कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में स्व सहायता समूहों और समुदाय के अन्य सदस्यों के साथ-साथ विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी भी शामिल हुए।


जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार ने  कार्यशाला के दौरान जल संरक्षण और संसाधनों के सतत प्रबंधन की आवश्यकता पर जोर देते हुए अधिकारियों, कर्मचारियों और ग्रामीणों को जल संवर्धन के महत्व के प्रति जागरूक किया। उन्होंने क्षेत्रीय भ्रमण के माध्यम से ग्रामीणों को विभिन्न फसल उत्पादन के तरीकों से अवगत कराया और अधिक आय अर्जित करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि जल संरक्षण और सतत विकास के लिए योजनाएं बनाना न केवल जिले के विकास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
कार्यशाला में श्री आशुतोष नंदा और पलाश अग्रवाल ने प्रतिभागियों को पोंगरो क्लस्टर के विभिन्न गांवों के जीआईएस नक्शों का उपयोग सिखाया। जिससे वे जल और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन की तकनीकों को बेहतर तरीके से समझ सकें। व्यावहारिक अनुभव के लिए स्थानीय क्षेत्रों का दौरा भी कराया गया। इस कार्यशाला में जनपद सीईओ कांसाबेल श्री प्रमोद सिंह, सहायक परियोजना अधिकारी श्री मिथिलेश पैकरा,  पीआरआईएफ के सदस्य श्री आशुतोष नंदा, पलाश अग्रवाल, अरूल सिंह, दिव्या प्रियदर्शनी, सहित विभिन्न अधिकारी-कर्मचारी और ग्रामीण उपस्थित रहे।
कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य जशपुर जिले के अधिकारियों और ग्रामीणों को जल व प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन में दक्ष बनाना और सतत विकास की दिशा में प्रभावी योजनाएं तैयार करना था। इसके सफल आयोजन ने जशपुर जिले में जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम रखा है।

लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन हेतु  प्रशिक्षण का हुआ आयोजन
प्रशिक्षण में 300 चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने लिया भाग

  जशपुरनगर :  मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के प्रयासों से जिले में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार किया जा रहा है। बीमारियों के उन्मूलन के लिए जनजागरुकता प्रसार के तहत इससे बचाव और इलाज के तरीके भी बताए जा रहे हैं। आज कलेक्टर कार्यालय के मंत्रणा कक्ष में लिम्फेटिक फाइलेरियासिस  उन्मूलन के लिए मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन  के अंतर्गत डिस्ट्रिक्ट ट्रेनिंग ऑफ ट्रेनर्स  का आयोजन किया गया। प्रशिक्षण का उद्देश्य  लिम्फेटिक फाइलेरियासिस  उन्मूलन के लिए आवश्यक दवा वितरण और जन जागरूकता अभियान को प्रभावी ढंग से लागू करना था। इस प्रशिक्षण में 300 लोगों ने भाग लिया


मुख्य चिकित्सा अधिकारी श्री जी. एस. जातरा, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री गणपत कुमार सर, डब्ल्यूएचओ डॉ.  स्नेहा श्री ,भीबीडी कंसलटेंट सनातन कुजूर, पीसीआई डीएमसी मीरा शर्मा  की उपस्थिति में आयोजित लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन कार्यक्रम के तहत  जिले के सभी डॉक्टरों, बीपीएम, एमटीएस ,ब्लॉक एजुकेटर,सुपरवाइजर, आरबीएसके टीम लीडर , मितानिन समन्वयक और मितानिन ट्रेनर प्रशिक्षकों की भागीदारी के साथ यह प्रशिक्षण का आयोजन हुआ।
इस अवसर पर डीएमसी पीसीएल  ने लिम्फेटिक फाइलेरियासिस उन्मूलन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह प्रशिक्षण मलेरिया, फाइलेरिया और अन्य वेक्टर जनित रोगों के खिलाफ लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से अभियान को सफल बनाने के लिए अपने-अपने क्षेत्रों में सक्रिय भूमिका निभाने का आह्वान किया।

 


गौरवशाली परम्पराओं और जनजाति समुदाय की धरोहर को सहेज कर रखना होगा-कलेक्टर श्री व्यास
प्राचीन कालीन धरोहरों को संग्रहालय में जमा करने वालों को किया जाएगा सम्मानित
जिला पुरातत्व संघ की बैठक हुई सम्पन्न

जशपुरनगर : कलेक्टर श्री रोहित व्यास की अध्यक्षता में आज जिला मुख्यालय स्थित जिला संग्रहालय में जिला पुरातत्व संघ की बैठक आयोजित हुई। बैठक में उपस्थित संघ के सदस्यों को अवगत कराते हुए बताया गया कि संग्रहालय में  गौरवशाली परम्पराओं और जनजातियों समुदायों की संस्कृति का सुंदर समावेश किया गया हैं। इस अवसर पर पद्मश्री जागेश्वर यादव, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, एसडीएम श्री ओंकार यादव, डिप्टी कलेक्टर श्री विश्वास राव मस्के सहित भूतपूर्व प्राचार्य विजय रक्षित, पुरातत्व संघ के सदस्य और विभिन्न जनजातीय समाज के समाज प्रमुख उपस्थित थे।
          कलेक्टर ने कहा कि धरोहर को संरक्षित और सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी जनजातीय समाज के साथ-साथ हम सबकी है। इसके लिए सार्थक प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि पुरात्वत संग्राहालय की देख-रेख करने के लिए कर्मचारियों की भी आवश्यकता पड़ेगी। उन्होंने कहा कि हमारे वर्तमान पीढ़ी के युवाओं और आने वाले पीढ़ी के युवाओं को पुरात्वत की जानकारी हो सके और उनकी आदिवासी संस्कृतियों के बारे में रूबरू कराने के लिए यहॉ का संग्राहलय अच्छा उदाहरण है। इस पर समिति के सभी सदस्यों ने अपनी सहमति दी। जनजाति समाज के समाज प्रमुखों ने अपने-अपने विचार व्यक्त करते हुए सांस्कृति धरोहर को और किस प्रकार से सहेज कर रखा जा सकता है के बारे में अपने-अपने विचार व्यक्त किए। अलग-अलग जनजातियों के रहन-सहन, खान-पान, वेशभूषा सहित अन्य जानकारियों को भी संग्रहित करके कैसे रखा जा सकता है इस पर भी विचार किया गया।
          कलेक्टर ने कहा कि ग्राम पंचायतों में एक पुरातत्व समिति बनाकर गांव का कोई विशेष धरोहर है तो उससे भी संग्रहालय में संग्रहित करके रखा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कोई जनजाति समाज का या व्यक्ति प्राचीन कालीन धरोहर या वस्तु को संग्रहालय में देना चाहता है तो उसका नाम सिलालेख पटिका में अंकित किया जाएगा और उनको स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस पर सम्मानित भी किया जाएगा।
          इस दौरान जानकारी देते हुए बताया गया कि संग्रहालय में 13 जनजाति समुदाय के जीवन शैली से संग्रहीत पुरातत्व चीजों सहित जनजातियों के संस्कृति, उनके रहन सहन, रीति रिवाज, आभूषण, औजार, दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं की जानकारी रखी गई है।
          उल्लेखनीय है कि जिला प्रशासन के द्वारा जिले में अपने आप में अनूठा और आकर्षक पुरातत्व संग्रहालय जिला खनिज न्यास निधि संस्थान से 25 लाख 85 हजार की लागत से बनाया गया है। संग्रहालय का लाभ जशपुर जिले के आस-पास के विद्यार्थियों को मिल रहा है। पुरातात्विक ऐतिहासिक चीजों को बचाने एवं संरक्षित रखने हेतु अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है। संग्राहलय में 13 जनजाति बिरहोर, पहाड़ी कोरवा, असूर जनजाति, उरांव, नगेशिया, कवंर, गोंड, खैरवार, मुण्डा, खड़िया, भूईहर, अघरिया आदि जनजातियों की पुरानी चीजों को संग्रहित करके रखा गया है। संग्राहलय में तीन कमरा, एक गैलरी को मूर्त रूप दिया गया है।
संग्रहालय में लघु पाषाण उपकरण, नवपाषाण उपकरण, ऐतिहासिक उपकरणों को रखा गया है। साथ ही भारतीय सिक्के 1835 से 1940 के सिक्कों को संग्रहित करके रखा गया है। संग्रहालय में मृदभांड, कोरवा जनजाति के डेकी, आभूषण, तीर-धनुष, चेरी, तवा, डोटी, हरका, प्रागैतिहासिक काल के पुरातत्व अवशेष के शैलचित्र को भी रखा गया है। साथ ही जशपुर में पाए गए शैल चित्र के फोटोग्राफ्स को भी रखा गया है। अनुसूचित जनजाति के सिंगार के सामान चंदवा, माला, ठोसामाला, करंज फूल, हसली, बहुटा, पैरी, बेराहाथ आदि को भी संरक्षित किया गया है। संग्राहलय में चिम्टा, झटिया, चुना रखने के लिए गझुआ, खड़रू, धान रखने के लिए, नमक रखने के लिए बटला, और खटंनशी नगेड़ा, प्राचीन उपकरणों ब्लेड, स्क्रेपर, पाईट को संग्रहित किया गया हैं।

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