जिला मुख्यालय बैकुण्ठपुर एवं चरचा में जो नये मुख्य नगर पालिका अधिकारी पदस्थ हुए है वह नियम के विरूद्ध है। क्योंकि नियमानुसार कोई भी पदाधिकारी अपने निवास व जन्मभूमि पर पदस्थ नहीं हो सकता। परंतु जानकार सूत्र बताते है कि, पैसे की माँ पहाड़ चढ़ती है तो सब-कुछ हो जाता है।
वही बैकुण्ठपुर मुख्यालय में देखा जाये तो जितने भी नगर पालिका के अधिनस्थ निर्माण कार्य चल रहे है जानकार सूत्र बताते है कि, उनमें भी लगभग 40 प्रतिशत कमीशन पर ठेका दिया जाता है। ऐसे लोगों को काम दिया गया है जो अनुभविहिन है। जिन्हें इस कार्य के बारे में में कोई जानकारी है ही नहीं। इसी प्रकार मार्गदर्शन रोड पर जानकारी मांगी गई तो मोहल्ले वासियों ने कहां कि, यहां नाली के नाम पर केवल बिल बनाया जा रहा है। जांच के दौरान पता किया जाये तो नाली निर्माण में राड व सीमेंट की मात्रा कम डाली गयी है जो कि, लगभग 2-2 फुट पर राड डालकर ढलाई किया गया है। इसी तरह बैकुण्ठपुर में कई जगहों पर निर्माण कार्य किया जा रहा है सभी निर्माण कार्यों का घटिया किस्म का कार्य हो रहा है।
वही नगर पालिका बैकुण्ठपुर में अध्यक्ष व मुख्य नगर पालिका अधिकारी किसके आदेश पर बाईसागर तालाब पर रोड बनाया जा रहा है ? यह नगर पालिका का सौतेलापन साबित हो रहा है जबकि बाईसागर तालाब के भीटा पर रह रहे लोगों का निस्तार का पानी बंद कर दिया गया। जबकि जितने भी रहवासी भीटा में रहने वालों का नगर पालिका को देना चाहिए था निस्तार के लिए दो बार ठेका हुआ जिसमें से एक बार का ठेका खत्म हो गया एवं दूसरी बार देखते है कि, नाली बनती है या नहीं। क्योंकि भू-माफियों के दबाव में नगर पालिका चल रहा है। क्योंकि उनका दबाव व गुंडागर्दी चरम सीमा पर है।